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...जिंदगी से जंग हार गई एक और 'निर्भया'

आज एक और 'निर्भया' ने दम तोड़ दिया. यूपी के हाथरस की बेटी आखिरकार जिंदगी से जंग हार गई. उसके साथ न सिर्फ दरिंदगी हुई बल्कि उसे इस कदर मारा गया कि जिंदगी और मौत से लड़ते लड़ते आखिर उसने दम तोड़ दिया. इस घटना के बाद एकबार फिर देशभर से यह मांग उठने लगी है कि दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई जाए. ऐसा कानून बनाया जाए कि कोई दुष्कर्म जैसे अपराध को अंजाम देने के बारे में सोच भी न सके.

जिंदगी से जंग हार गई एक और 'निर्भया'
जिंदगी से जंग हार गई एक और 'निर्भया'

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Published : Sep 29, 2020, 2:34 PM IST

Updated : Oct 4, 2020, 11:00 AM IST

हाथरस: जिले के चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव में दो पक्षों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था. 14 सितंबर को एक पक्ष की युवती अपने भाई और मां के साथ खेत में चारा लेने गई थी. इसी बीच दूसरे पक्ष का युवक संदीप वहां पहुंचा और युवती को खींचकर खेत के दूसरे छोर पर ले गया. आरोप है कि संदीप ने युवती का गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की. युवती के चीखने पर उसके परिजन मौके पर पहुंच गए, जिसके बाद संदीप मौके से फरार हो गया.

घटना की सूचना मिलते ही चंदपा पुलिस मौके पर पहुंच गई. इसके बाद युवती को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से उसे गंभीर हालत में अलीगढ़ रेफर कर दिया गया. पुलिस ने परिजनों की तहरीर के आधार पर आरोपी संदीप के खिलाफ धारा 307 और एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कर लिया.

पुलिस ने चारों आरोपियों को किया गिरफ्तार.

पीड़िता के बयान के आधार पर लगाई गई सामूहिक दुष्कर्म का धारा

वहीं 23 सितंबर को युवती के बयान के आधार पर पुलिस ने मामले में सामूहिक दुष्कर्म की धारा 376-D को बढ़ा दिया. साथ ही तीन नामजद आरोपियों रवि, रामू और लवकुश के नाम भी शामिल कर लिए. इनमें से एक नामजद लवकुश को गिरफ्तार भी कर लिया गया. पीड़िता के परिजनों की मांग थी कि सभी आरोपियों को फांसी की सजा मिले.

अलीगढ़ से सफदरजंग रेफर

पुलिस ने एक-एक कर चारों आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया. इस बीच 28 सितंबर को पीड़िता की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज से दिल्ली स्थित सफदरजंग हॉस्पिटल भेज दिया गया.

सफदरगंज में चल रहा था इलाज.

सफदरजंग अस्पताल में हुई मौत

मंगलवार 29 सितंबर की सुबह सफदजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई. पुलिस अधिकारियों ने उसकी मौत की पुष्टि की है. वहीं परिवार से मिली जानकारी के अनुसार, युवती का शव शाम तक गांव लाया जाएगा. उसके बाद उसका अंतिम संस्कार गांव में ही किया जाएगा.

राजनीतिक दल भी रहे सक्रिय

वहीं इस मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. शनिवार 27 सितंबर को कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर प्रदर्शन किया. उन्होंने परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की थी.

राजनीतिक दलों ने किया हंगामा.

रविवार 28 सितंबर को भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर ने अलीगढ़ में पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की थी. रविवार को ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला किया था. बहराइच जिले में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सोमवार 28 सितंबर को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा था. साथ ही सपा कार्यकर्ताओं ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

वहीं रविवार 28 सितंबर को जिलाधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया था कि पीड़िता को 4 लाख 12 हजार 500 रुपये की आर्थिक सहायता की प्रथम किस्त दे दी गई है. कुल आर्थिक मदद की धनराशि 8 लाख 25 हजार रुपये होती है. उन्होंने बताया कि शेष धनराशि चार्जशीट दाखिल होने और दोष सिद्ध होने पर दी जाएगी.

Last Updated : Oct 4, 2020, 11:00 AM IST

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