हाथरस: पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के प्रभारी राधा मोहन सिंह ने अनुसूचित मोर्चा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज अनुसूचित जाति के 45 एमपी, 12 मंत्री, तीन राज्यपाल हैं. इतना ही नहीं, राष्ट्रपति भी अनुसूचित जाति के हैं. यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण संभव हुआ है. इससे पहले किसी सरकार के दौरान ऐसा नहीं हुआ था.
अनुसूचित मोर्चा को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया के चप्पे-चप्पे में जिस मथुरा, काशी की चर्चा होती है वह उत्तर प्रदेश में है. दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चर्चा होती है. दुनिया के कोने-कोने में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी की चर्चा होती है. उत्तर प्रदेश दुनिया में सिरमौर प्रदेश है लेकिन मोदी और योगी से पहले उत्तर प्रदेश प्रश्नों का प्रदेश था.
उन्होंने कहा कि पहले गरीबों के यहां माताएं लकड़ी से चूल्हे पर खाना बनाती थीं. खुले में शौच जाती थीं. गोवंश चोरी हो जाया करते थे. लेकिन, आज उसी गरीब का बेटा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने हैं. वह गरीबों के आंसू पोंछने का काम किये हैं.
राधामोहन सिंह ने कहा कि पहले प्रदेश के खजाने का मुंह सैफई गांव की ओर खुलता था. राजीव गांधी ट्रस्ट का मुंह अमेठी और रायबरेली की ओर खुला करता था. लेकिन, जब से मोदी और योगी आए हैं, सरकार का खजाना देश की जनता और गरीबों के लिए खुला है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी एक परिवार ने राज किया है. दिल्ली में भी एक राजकुमार है. यह कहते हुए उन्होंने जनता से सवाल किया कि क्या आप उसका नाम जानते हैं? उत्तर प्रदेश में एक परिवार ने वर्षों तक राज किया. उसमें भी एक राजकुमार है. इनके परिवार के लोग गरीबों और महिलाओं के लिए नारे तो लगाते थे लेकिन शाम होने के बाद वह गरीबों के लिए काम नहीं करते थे. उनका वंश कैसे मजबूत हो उसमें पूरी ताकत लगा देते थे. उन्होंने सपा और कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि नारे तो वे लोग लगा रहे थे गरीबों के लिए और महिलाओं के लिए, लेकिन अपने वंश की मजबूती के लिए काम किया करते थे.