हाथरस: जनपद में गेहूं की कटाई शुरू कर दी गई है. वहीं कृषि विभाग किसानों को पराली न जलाने के संबंध में जागरूक कर रहा है. कृषि विभाग की ओर से यह भी साफ किया गया है कि पराली जलाने वाले किसानों से अर्थदंड वसूला जाएगा. जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि जिले में पराली जलाने वालों पर सैटेलाइट के माध्यम से भी निगरानी की जा रही है.
हाथरस: पराली जलाने वाले किसानों पर सेटेलाइट के माध्यम से की जा रही निगरानी - हाथरस में पराली जलाने वाले किसानों पर लगाया जाएगा जुर्माना
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में लॉकडाउन के दौरान किसान फसलों की कटाई शुरू कर दिए है. कुछ किसान फसलों की कटाई करने के बाद बचे हुए अवशेष को जला दिया करते थे. वहीं जिला प्रशासन ने किसानों को चेतावनी दी है कि पराली जलाते हुए पकड़ें जाने पर अर्थदण्ड वसूला जाएगा.
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पराली जलाने पर की जाएगी कार्रवाई
लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए गेहूं कटाई का कार्य शुरू कर दिया गया है. कृषि विभाग की टीम किसानों को क्षेत्र में पराली न जलाने के बारे में जागरूक कर रहा है. जिला कृषि अधिकारी डिपिन कुमार ने बताया कि जिले में पराली जलाने वाले किसानों से अर्थदंड वसूला जाएगा.
जानिए कैसे वसूला जाएगा अर्थदंड
उन्होंने बताया कि दो एकड़ तक 2500 रुपये, दो से पांच एकड़ तक 5 हजार रुपये, पांच एकड़ से अधिक जमीन होने पर 15 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा. उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाने के बजाए उसका उपयोग पशुओं के चारे के रूप में करें. इसका उपयोग खाद के रूप में भी किया जा सकता है, जिससे मृदा की उर्वरता और उत्पादन में वृद्धि होती है. बीते कुछ दिनों पहले 16 फसल अवशेष जलने की घटनाएं हुई थीं, जिसमें से एक घटना सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग के माध्यम से पकड़ी गई थी.