हाथरस: कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच अस्पतालों में मिल रही आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं पर किसी भी तरह की कोई रोक नहीं लगाई गई है. इसको लेकर किसी को भी किसी तरह का संकोच करने और घबराने की जरूरत नहीं है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जिले के किसी एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल को ही कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित किया गया है. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सुरक्षा मानकों का पूरी तरह से पालन करते हुए आवश्यक और सीमित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं.
ये सभी सेवाएं सुचारु रूप से हो रही संचालित
कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित अस्पतालों को छोड़कर अन्य अस्पतालों में आकस्मिक स्वास्थ्य सेवाएं एवं फार्मेसी सुविधा, लेबर रूम और डिलीवरी सेवाएं, आकस्मिक प्रसव पूर्व सेवाएं, प्रसव के बाद की देखभाल और बीमार नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू)- फॉलोअप क्लिनिक सुचारु रूप से काम कर रही हैं. यह ऐसी सेवाएं हैं, जिनको किसी भी तरह से स्थगित नहीं किया जा सकता. इसीलिए सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए इन आवश्यक सेवाओं को नियमित रूप से संचालित किया जा रहा है.
कोरोना मरीजों के लिए 102 एम्बुलेंस दे रही सेवाएं
आवश्यक सेवाओं को बहाल रखने के लिए कुछ अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है, जैसे- कोविड-19 लक्षणों वाली गर्भवती माताओं की देखभाल प्राथमिकता पर अलग से की जाएगी. ताकि स्वस्थ गैर संक्रमित माताओं को संक्रमण से बचाया जा सके. नियमित उपयोग और महिलाओं की डिलीवरी से सम्बंधित सेवाओं के लिए एम्बुलेंस की अलग से व्यवस्था की गई है, जबकि कोरोना मरीजों के लिए एम्बुलेंस (102) की सेवा को अलग से नामित किया गया है. इसलिए आकस्मिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए स्वास्थ्य केंद्र पर जाने के लिए एम्बुलेंस का ही इस्तेमाल करें.
अस्पतालों में सोशल डिस्टेंसिंग का कराया जा रहा पालन
अस्पतालों में ऐसी व्यवस्थाएं की गई हैं, जिससे कोई भी व्यक्ति जिसको फ्लू के लक्षण हैं, वह अन्य लोगों के संपर्क में न आ सके. अस्पताल में आने वाले सभी लोगों से सख्ती से सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने का पालन कराया जा रहा है. इसके अलावा सभी अस्पतालों का समयानुसार सैनेटाइजेशन कराया जा रहा है. सीएमओ डॉ. बृजेश राठौर ने बताया कि जिले में कोविड - 19 को समर्पित एल -1 अस्पताल मुरसान में है. जिला अस्पताल में भी एल-1 सुविधा उपलब्ध है. जिला अस्पताल की सारी सेवाएं बंद नहीं हैं.