हाथरसःसरकार स्वास्थ्य विभाग के भले ही बेहतर होने के दावे कर रही हो, लेकिन धरातल पर स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है. सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर और स्टाफ का तनिक भी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. जिले में एक ऐसा ही स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है. प्रसव के लिए सामुदायिक केंद्र पर पहुंची महिला को डॉक्टर ने कहीं और ले जाने के लिए कहा. जिसके बाद अस्पताल से कुछ कदम दूरी पर ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया.
सरकारी अस्पताल से लौटाया तो महिला ने सड़क पर बच्चे को दिया जन्म - सादाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर महिला का हुआ प्रसव
यूपी के हाथरस में प्रसव पीड़ा होने पर सरकारी अस्पताल पहुंची गर्भवती महिला को स्टाफ और डॉक्टर ने दूसरी जगह ले जाने की बात कहकर लौटा दिया. इसके बाद महिला ने अस्पताल के गेट के बाहर सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया.
दरअसल, सादाबाद कोतवाली इलाके के गांव तसिंगा की एक महिला प्रसव पीड़ा होने पर परिवार के लोग सादाबाद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे. लेकिन हॉस्पिटल में मौजूद स्टाफ ने खून की कमी का हवाला देते दूसरे जगह ले जाने के लिए सलाह दे डाली. इसके बाद परिजन गर्भवती महिला को ले जाने लगे तो अस्पताल से कुछ कदम की दूरी चलने पर ही महिला को काफी तेज प्रसव पीड़ा हुई और वह कराह कर सड़क पर ही बैठ गई. आती-जाती महिलाओं और परिवार के लोगों ने कपड़े से घेराबंदी बच्चे का जन्म कराया. जब बच्चे के जन्म लेने की जानकारी अस्पताल पहुंची तब आनन- फानन में पीड़ित महिला को स्ट्रेचर की सहायता से अस्पताल लाया गया. जहां जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ व सुरक्षित हैं.
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पीड़ित महिला के साथ आये उसके देवर साहब सिंह ने बताया कि वह सादाबाद के गांव तसिंगा का रहने वाला है. उसकी भाभी को जब अधिक दर्द हुआ तो वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे लेकिन डॉक्टरों ने खून की कमी की बात कह कर वापस कर दिया. साहब सिंह ने बताया कि डॉक्टर ने कहा, मरीज को कहीं भी ले जा सकते हैं. उसने बताया कि हॉस्पिटल के बाहर कुछ ही दूरी पर उसकी भाभी ने बच्चे ने जन्म दिया. इसके बाद जच्चा और बच्चा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.