हाथरस: 'अक्ल से बेवकूफ, पैसे से भरपूर' व्यक्ति का आज के समय में सभी राजनीतिक पार्टियों में सम्मान है. यह कहना है हाथरस के रहने वाले और फिरोजाबाद में जिला पंचायत अध्यक्ष रहे जालिम सिंह एडवोकेट का. उन्होंने बताया कि उनके समय में राजनीति में धनबल और बाहुबल का उतना जोर नहीं था, जितना कि आज है.
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जालिम सिंह ने बताया कि उनकी कभी भी राजनीति में आने की इच्छा नहीं थी. एक मित्र ने समझाया कि समाज और खासकर दलित, पिछड़े, बहुजन समाज को आप जैसे लोगों की बहुत जरूरत है. इसी सोच के साथ वह राजनीति में आए थे. उन्होंने यह भी बताया कि वह कांशीराम जी से पहले से ही जुड़े हुए थे. वो उन्हें अपना राजनीतिक गुरु को मसीहा मानकर सन 1988 में सक्रीय राजनीति में काम शुरू कर दिया था.
'तब पंचायत अध्यक्ष को मिला करते थे दो हजार रुपये'
उन्होंने बताया कि उनके समर्पण भाव से राजनीति करने पर कांशीराम जी को एहसास हुआ कि इसके बच्चों का पेट कैसे भरता होगा. यह सोचकर उन्होंने गुजारे भत्ते का रास्ता निकाला और उन्हें फिरोजाबाद का जिला पंचायत अध्यक्ष बना दिया. उस समय सन् 1993 में उन्हें भत्ते के रुप में सिर्फ दो हजार रुपये मिला करते थे. जब वह जिला पंचायत अध्यक्ष थे, तभी नया वॉर्ड पंचायत एक्ट बन रहा था. यदि आदमी गलत नीयत और नीति से काम करे तो वह जितना चाहे अमीर बन सकता है. उनके पास भी बड़े-बड़े प्रलोभन आए थे, जिन्हें ठुकराने पर धमकियां भी मिली थीं, बावजूद इसके वह अपने रासते से हटे नहीं.
जालिम सिंह ने कहा कि जब तक कांशीराम जीवित रहे, तब तक राजनीति में सबकुछ ठीक था. उनके दिवंगत होने के बाद सभी पार्टियों में पैसा घुस गया. उन पार्टियों में भी पैसे वालों का सम्मान होने लगा, जिन्हें नीति व मिशन से कोई मतलब नहीं था. आज जिनके पास धनबल और बाहुबल होता है, वह राजनीति में बहुत पनपते हैं.