हाथरस:हाथरस की बिटिया की मौत को आज 29 सितंबर को पूरे 2 साल हो गए. परिवार ने अभी तक इस बिटिया की अस्थियों का विसर्जन नहीं किया है. परिवार का कहना है कि जब तक बिटिया को न्याय नहीं मिलेगा. तब तक वह उसकी अस्थियों का विसर्जन नहीं करेंगे. परिवार 2 साल बाद अभी भी न्यायालय की तरफ इंसाफ के लिए टकटकी लगाए हुए है.
ये था मामला:14 सितंबर 2020 को जिले की चंदपा कोतवाली इलाके के एक गांव में दलित युवती के साथ दरिंदगी और उसे जान से मारने की कोशिश का मामला सामने आया था. वहीं इलाज के दौरान युवती की 29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में बिटिया की मौत हो गई. सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट सौंपी थी. इस मामले के चारों आरोपियों संदीप, रवि, रामू और लव कुश अभी अलीगढ़ जेल में बंद हैं.
2 साल से न्याय की आस लगाए बैठा है परिवार:अब 2 साल बाद भी बिटिया का परिवार उस दिन के घटनाक्रम को याद कर सिहर जाता है. मां बताती हैं कि उस दिन वह बिटिया के साथ खेत पर घास काट रही थी, उसने अपनी बेटी को जगह-जगह काट कर रखी हुई घास की ढेरियों को एकत्रित करने को कहा था. इसी बीच 4-5 युवक उसे बाजरे के खेत में खींच कर ले गए और जब उसने देखा तब तक वह दरिंदगी का शिकार हो चुकी थी. वह अर्ध निवस्त्र थी और उसकी जीभ कटी हुई थी. गौरतलब है कि इस सनसनीखेज वारदात ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया. जहां प्रशासन ने रात में ही बिटिया का अंतिम संस्कार करवा दिया, जिसका दर्द बिटिया के परिवार को अभी भी है. परिजनों का कहना है कि अंतिम संस्कार के समय पूरे परिवार को बिटिया से दूर रखा गया और मुख्याग्नि तक नहीं देने दी. इसका दर्द आज भी है.