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नगर पालिका ने रिहायशी इलाके में फेंका कचरा, ग्रामीणों ने बनाया बंधक

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Published : Dec 6, 2020, 8:49 PM IST

केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तक स्वच्छता को लेकर गंभीर है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जा रहा है, लेकिन हरदोई में सरकार के स्वच्छता मिशन को नजरअंदाज किया जा रहा है.

ग्रामीणों ने बनाया बंधक
ग्रामीणों ने बनाया बंधक

हरदोई: केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तक स्वच्छता को लेकर गंभीर है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जा रहा है, लेकिन हरदोई में सरकार के स्वच्छता मिशन को नजरअंदाज किया जा रहा है. नगर पालिका के कचरे को कूड़ा प्रबंधन की बजाय रिहायशी इलाकों में सरेआम फेंका जा रहा है. ऐसे में बदबू, गंदगी और बीमारी से परेशान इलाके के लोगों ने आज नगर पालिका के कर्मचारियों को कूड़ा डालते समय पकड़ लिया और उन्हें बंधक बना लिया. ग्रामीणों ने शहर का कूड़ा लाकर ग्रामीण इलाके में फेंकने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर कूड़ा हटवाने की मांग की.

ग्रामीणों ने बनाया बंधक

हवा-हवाई साबित हो रहे दावे

ग्रामीणों के विरोध से नगरपालिका के कर्मचारियों के हाथ पांव फूल गए. हालांकि, नगरपालिका कर्मचारियों ने मौके से कूड़ा हटवाने का आश्वासन दिया, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि जब तक यहां से कूड़ा हट नहीं जाता, तब तक वह लोग नगरपालिका की गाड़ियों को जाने नहीं देंगे. साथ ही जमकर विरोध करेंगे. आपको बता दें कि प्रशासन भले ही एमआरएफ फैसिलिटी से कूड़ा निस्तारण की बात करने में जुटा हो, लेकिन प्रशासन के यह दावे हवा-हवाई ही साबित हो रहे हैं.

ग्रामीणों ने बनाया बंधक
जिले में नगर पालिका हरदोई की कारगुजारी से विकासखंड टडियावा के नानक गंज ग्रंट के ग्रामीणों का आज गुस्सा फूट पड़ा. दरअसल, नगर पालिका परिषद खदरा रेलवे फाटक के निकट रिहायशी इलाके में शहर का कूड़ा-कचरा लाकर फेंका जा रहा है. ऐसे में नानकगंज ग्रंट ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले रज्जूपुरवा, बड़ापुरवा, ईश्वर पुरवा और खदरा के लोग इस गंदगी से परेशान हैं. गंदगी की वजह से यहां पर लोग बेहाल हैं और तमाम बीमारियां भी फैल रही हैं. लोगों का अपने घरों से निकलना भी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में आज नगर पालिका परिषद की गाड़ियां शहर का कचरा डालने यहां पहुंची तो इलाके के लोग आक्रोशित हो गए. ग्रामीणों ने ठेकेदार और नगरपालिका के कर्मचारियों को बंधक बना लिया.

फैल रही बीमारियां
ग्रामीणों की मांग है कि इस जगह से शहर के कचरे को हटाया जाए. कचरे को ऐसी जगह पर ले जाया जाए, जहां पर इसका प्रबंधन किया जा सकें. काफी देर तक नगरपालिका के लोग ग्रामीणों को समझाने-बुझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन ग्रामीण कूड़ा हटाने की जिद पर अड़े रहे. ग्रामीणों के मुताबिक शहरी क्षेत्र के कचरे को लाकर उनके गांव में फेंका जा रहा है, जिससे न सिर्फ बीमारियां फैल रही है, बल्कि लोगों का घरों से निकलना ही नहीं खाना-पीना भी दूभर हो चुका है.

शिकायत के बावजूद भी नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीणों ने इसको लेकर कई बार प्रशासन से शिकायत भी की. शिकायत के बाद भी नगरपालिका और प्रशासन ने इस मामले में कोई भी संज्ञान नहीं लिया. लिहाजा बड़ी संख्या में यहां पर कचरा जमा हो गया है. ऐसे में लोगों के लिए यहां रहना काफी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में जब तक यहां से कचरा हटाया नहीं जाता और उनकी समस्या का निदान नहीं हो जाता, तब तक ग्रामीणों ने आंदोलन करने का एलान किया है. ग्रामीणों के मुताबिक यहां पर किसी भी दशा में कूड़े और कचरे को फेंकने नहीं देंगे. हालांकि ग्रामीणों के विरोध के बाद नगरपालिका के कर्मचारियों ने कूड़ा हटाने का आश्वासन दिया है, लेकिन ग्रामीण कूड़ा हटवाए जाने तक विरोध प्रदर्शन की बात पर अड़े हैं.

लोगों को गंदगी के माहौल में जीवन जीने को मजबूर कर रही नगर पालिका
केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार लगातार स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है,ताकि उनके रहन-सहन के स्तर में सुधार आए. साफ-सुथरा वातावरण बने और लोग बीमार न हों. इसके लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन इस सबके बावजूद हरदोई नगर पालिका स्वच्छता की बजाय लोगों को गंदगी के माहौल में जीवन जीने को मजबूर कर रही है. ऐसे में नगर पालिका की करतूत से आक्रोशित ग्रामीण भी आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं.


अपर जिलाधिकारी ने दी जानकारी
इस बारे में अपर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह का कहना है कि स्वच्छता को लेकर शासन ने निर्देश दिए हैं. शहर में एमआरएफ फैसिलिटी की व्यवस्था बनाई जा रही है, जिससे शहर के कूड़े अड्डे भी समाप्त हो जाएंगे. उन कूड़ों का अलगाव होगा और कूड़े से खाद बनेगी. इनमें आवश्यक कूड़े का पुन उपयोग होगा. इस तरह से सारी कार्यवाही चल रही है. ऐसे में प्रशासन भले ही स्वच्छता के लाख दावे करे, लेकिन ग्रामीणों को नारकीय जीवन देकर स्वच्छ भारत की मिशन की हकीकत से यह तस्वीरें खुद ही रूबरू करा रही है कि आखिर प्रशासन के दावे और हकीकत में कितना अंतर है.

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