हरदोई: उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर भले ही आम लोगों को आसानी से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होने का दावा करे लेकिन, स्थितियां इन दावों के विपरीत हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में सामने आया है. यहां स्वास्थ्य कर्मियों की मिलीभगत और उनकी मौजूदगी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का एक कर्मचारी मरीज के तीमारदारों से पैसे वसूल रहा है. स्वास्थ्य केंद्र पर भ्रष्टाचार का यह वीडियो सोशल मीडिया पर मंगलवार को वायरल हुआ है. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद सीएमओ ने आरोपी स्वीपर को निलंबित करके बाकी पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तीमारदारोंं से पैसे लेने का वीडियो वायरल, आरोपी निलंबित - uttar pradesh news
यूपी के हरदोई जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एक कर्मचारी का वीडियो वायरल हुआ है. कर्मचारी मरीज के तीमारदारों से वसूली करता नजर आ रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद सीएमओ ने आरोपी स्वीपर को निलंबित करके बाकी पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
यह वीडियो हरदोई जिले के पाली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है. यहां पर स्टाफ नर्स के साथ-साथ बैठा हुआ एक व्यक्ति मरीज के तीमारदारों से पैसे की मांग कर रहा है. मरीज के तीमारदार उससे पैसे लेने की वजह भी पूछ रहे हैं, यही नहीं सामने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की महिला स्वास्थ्यकर्मी भी बैठी हुई हैं जो इस कथित वसूली पर सहयोगी बनी बैठी नजर आ रही हैं. पैसे लेने वाला शख्स प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का स्वीपर श्यामू बताया जा रहा है, जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर वार्डों की साफ सफाई और इंजेक्शन लगाने का भी काम करता है. उसी काम को लेकर वह मरीजों के तीमारदारों से पैसे मांग रहा है. स्वीपर के पैसे लेने का यह वीडियो किसी तीमारदार ने बनाकर कल सोशल मीडिया पर वायरल किया है. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद सीएमओ ने पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए आरोपी स्वीपर श्यामू को निलंबित किया है, जबकि पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं.
इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सूर्य मणि त्रिपाठी ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पाली में एक स्वीपर के द्वारा मरीज से 50 रुपये की रिश्वत की मांग की गई है. इस मामले में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद स्वीपर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, साथ ही पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं. जनपद के सभी एमओआईसी को निर्देशित किया गया है कि इस तरीके के मामले सामने ना आए नहीं तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.