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हरदोई में महंत की गिरफ्तारी को लेकर दो सिपाही निलंबित - up police

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में शाहाबाद पुलिस ने नर्मदा आश्रम के महंत ऋषिदास महाराज को मादक पदार्थ की बिक्री के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस पर हिंदू संगठनों ने विरोध किया था. पुलिस अधीक्षक ने जांच के बाद दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है.

महंत पर गलत आरोप लगाने पर दो सिपाही निलंबित.

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Published : Jul 25, 2019, 10:44 PM IST

हरदोई: विगत दिनों एक धार्मिक स्थल के महंत को पुलिस ने मादक पदार्थों की बिक्री के आरोप में मादक पदार्थ और नकदी के साथ गिरफ्तार किया था. इस मामले में हिंदू संगठनों के विरोध के बाद मामले की जांच पुलिस अधीक्षक ने अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपी थी. इस मामले में दोषी पाए जाने वाले दो सिपाहियों को पुलिस अधीक्षक ने गुरुवार को निलंबित कर दिया. आला अफसरों की इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.

महंत पर गलत आरोप लगाने पर दो सिपाही निलंबित.

गलत जांच पेश करने पर दो सिपाही निलंबित

  • हरदोई जिले की कोतवाली शाहाबाद पुलिस ने नर्मदा आश्रम के महंत ऋषिदास महाराज को मादक पदार्थ की बिक्री के आरोप में गिरफ्तार किया था.
  • शाहाबाद पुलिस ने डेढ़ लाख रुपये और गांजे की बरामदगी भी दिखाई गई थी.
  • पुलिस ने महंत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
  • मामले में पुलिसिया कार्रवाई का विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदू संगठनों ने विरोध किया.
  • हिंदू संगठनों का आरोप था कि आश्रम से साढ़े चार लाख रुपये वहां के निर्माण कार्य के लिए रखे हुए थे, जिसे पुलिस ले भागी.
  • मंगलवार को महंत की गिरफ्तारी के विरोध में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों ने धरना-प्रदर्शन किया था.
  • अपर पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच की और दो सिपाहियों को इस पूरे मामले में दोषी पाया.

पुलिस के मुताबिक सिपाहियों ने रुपयों की बरामदगी और मादक पदार्थ की बरामदगी के बारे में अपने सीनियर ऑफिसर को कोई सूचना नहीं दी थी. उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई, लिहाजा पुलिस अफसरों ने दोनों सिपाही अतुल कुमार और चतुर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

हिंदू संगठनों ने महंत की गिरफ्तारी को लेकर शिकायत की थी. इस पूरे मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी को सौंपी गई थी. जांच में यह प्रकाश में आया कि इस बारे में कोई भी सूचना दोनों सिपाहियों ने अपने अधिकारियों को नहीं दी थी. लिहाजा उन्हें दोषी पाए जाने के बाद तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
-आलोक प्रियदर्शी, पुलिस अधीक्षक

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