हरदोई: प्रदेश में बहने वाली सई नदी की हालत बद से बदतर हो गयी है. जिले के कई विकासखंडों से होकर निकलने वाली इस नदी में गंदगी के अलावा कुछ नहीं बचा है. यहां मौजूद कुछ फैक्ट्रियों से निकलने वाला कचरा भी इसे दूषित कर रहा है. किसानों को भी इस नदी के पानी का कोई खास लाभ नहीं मिल पा रहा है. अब ऐसे में जिला प्रशासन ने इस नदी के मिटते अस्तित्व को बचाने के लिए रणनीतियां तैयार किये जाने का दावा पेश किया है.
खतरे में सई नदी का अस्तित्व. प्रदेश में बहने वाली सई नदी गोमती नदी की मुख्य सहायक नदी के नाम से भी जानी जाती है. वर्तमान समय में इसकी स्थिति बेहद दयनीय है. इसमें पानी की मात्रा भी दिन प्रतिदिन घटती जा रही है. बचे हुए पानी को भी संरक्षित किये जाने के कोई खास इंतजाम नहीं किये गए हैं. इसके पानी में मौजूद सिल्ट इसके अस्तित्व को खत्म करने के लिए पर्याप्त है.
11 ब्लॉकों से होकर गुजरी है सई नदी
यह नदी जिले के टड़ियावां और कछौना के साथ ही 11 ब्लॉकों में 180 किलोमीटर तक निकली है. यूपी के हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़ और जौनपुर जिलों से होकर यह नदी करीब 715 किलोमीटर बहती है.
इलाके में मौजूद छोटे कारखाने और फैक्ट्रियां भी चोरी छिपे अवशिष्ट को इस नदी में प्रवाहित कर रहे हैं, जिससे इस नदी का पानी जहरीला होता जा रहा है. नदी का जहरीला पानी पीकर जानवर बीमार पड़ जाते हैं और यह पानी किसानों की फसलों को भी बर्बाद कर देता है.
प्रशासन ने दिए सफाई करने के निर्देश
जिले की सीतापुर रोड पर मौजूद इटौली पुल सई नदी के ऊपर बना हुआ है. इस नदी के अस्तित्व को बचाने के जिला प्रशासन ने नदी की सफाई कराए जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने नदी के किनारे बीच में जमा हुई सिल्ट को साफ किए जाने के आदेश जारी किए हैं.
स्थानीय लोगों से बात करने पर लोगों ने बताया कि ये नदी विगत लंबे समय से दूषित पड़ी है. टड़ियावां ब्लॉक का इटौली पुल इसी नदी के ऊपर बना है. परसेनी गांव में मौजूद एक गत्ता फैक्टरी से निकलने वाला गंदा पानी भी इस नदी में जाकर मिल जाता है, जिससे नदी का जल दूषित हो रहा है. इसमें किनारे और बीच में सिल्ट भी जमा हो गयी है, जिससे यह नदी एक बड़े गंदे नाले की भांति प्रतीत हो रही है.
सई नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए रणनीतियां तैयार की जा रही हैं. नदी की सफाई कराए जाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं. जिससे कि इसके अस्तित्व को बचा कर भूगर्भ में जल के स्तर को बढ़ाया जा सके. सभी विकास खंडों जहां से ये नदी होकर गयी है उनके जिम्मेदारों को इसकी सफाई कराने के निर्देश दे दिए गए हैं.
-पुलकित खरे, डीएम