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हरदोई: किसान करेंगे अत्याधुनिक उपकरण का प्रयोग, जिलाधिकारी ने सिखाए बेहतर किसानी के गुर

उत्तर प्रदेश के हरदोई में जिलाधिकारी ने कृषि विभाग के जिम्मेदारों के साथ मिलकर एक गोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें किसानों को अत्याधुनिक आधार पर खेती के बारे में बताया गया. साथ ही सरकारी योजनाओं से भी किसानों को अवगत कराया गया.

जिलाधिकारी ने सिखाए किसानी के नए गुण.

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Published : Nov 1, 2019, 11:58 AM IST

हरदोई:अत्याधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल से खेती के लिए कृषि विभाग के जिम्मेदारों के साथ मिलकर जिलाधिकारी ने एक गोष्ठी के माध्यम से किसानों को प्रेरित किया. इस आयोजन में सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया गया. वहीं खेती के लिए इस्तमाल में लाए जाने वाले अत्याधुनिक उपकरणों की वीडियो भी दिखाई गई. साथ ही इन उपकरणों को कैसे एक किसान कम दामों पर या अनुदान पर कृषि विभाग से प्राप्त कर सकता है, इसकी जानकारी भी दी गई.

अत्याधुनिक किसानी के बारे में बताते जिलाधिकारी.
हरदोई जिले के रसखान प्रेक्षा ग्रह में गुरुवार को कृषि विभाग के जिम्मेदारों ने जिलाधिकारी पुलकित खरे की अध्यक्षता में किसान गोष्ठी का आयोजन किया. इस गोष्ठी में जीरो बजट फार्मिंग और जैविक खेती विषय पर चर्चा हुई. आयोजन में कृषि विभाग के जिले में तैनात वैज्ञानिक भी मौजूद रहे. वहीं वीडियो के माध्यम से सरकार की ओर से अनुदान पर दिए जा रहे अत्याधुनिक उपकरणों के बारे में भी किसानों को अवगत कराया गया, जिसमें धान कटाई से लेकर गेहूं पिराई करने जैसे तमाम उपकरण दिखाए गए.

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जिलाधिकारी पुलकित खरे ने किसानों को विस्तार पूर्वक किसानों को समझाया और तमाम जानकारियां भी दीं. उन्होंने कहा कि जिस मिट्टी पर हमारे दादा परदादा ने खेती की आज वह मिट्टी भी थक चुकी होगी और उसमें रसायन आदि का अभाव होने से उस मिट्टी पर जीरो बजट किसानी करना असंभव होगा.

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इसके लिए ही कृषि विभाग द्वारा हर मिट्टी का परीक्षण सैम्पल के माध्यम से किया जाता है. अगर किसानों को अपनी आय दोगुनी करनी है तो पारंपरिक उर्वरक डालने के तरीकों और यूरिया के इस्तेमाल से बचना होगा. साथ ही विशेषज्ञों की राय से किसानी के गुण सीखने होंगे और सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं से अवगत रहना पड़ेगा. अगर किसान पुरानी पारंपरिक ढंग से खेती करेंगे तो आने वाले समय में उस जमीन से उपज पैदा करना असंभव होगा.

पूरे महीने इस तरह की गोष्ठी और कार्यशालाएं किसानों के हितार्थ में आयोजित होती रहेंगी. साथ ही आसानी से जीरो बजट फार्मिंग और जैविक खेती करने में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों और तौर तरीकों से भी उन्हें अवगत कराया जाएगा.
-पुलकित खरे, जिलाधिकारी

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