हरदोई:जिले में सरकार के खुले में शौच मुक्त अभियान को सफल करने के लिए जिम्मेदारों ने जी तोड़ मेहनत की, लेकिन यहां के परिषदीय विद्यालयों में जहां से देश के भविष्य को निखारने वाकई बच्चे व बच्चियां शिक्षा ग्रहण करते हैं, वहां आज भी शौचलयों का अभाव है और यहां के स्टाफ के साथ ही छात्र छात्राएं खुले में शौच को जाते हैं. बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बनाया गया शौचालय क्षतिग्रस्त है तो प्रधान द्वारा बनाये गए शौचालय में ताला लटक रहा है. पढ़ने वाले छात्र छात्राएं ही नहीं बल्कि यहां का स्टाफ भी खुले में शौच को मजबूर हैं. ओडीएफ घोषित हो चुके गांव में ये विद्यालय मौजूद है, लेकिन इस विद्यालय की तरफ किसी भी जिम्मेदार की नजर नहीं पड़ पाई. वहीं विद्यालय के कुछ ही दूरी पर शराब का ठेका होने से यहां नशेड़ियों का जमावड़ा लगने की समस्या का बखान भी शिक्षिकाओं ने किया. विद्यालय में मौजूद मंदिर के कारण यहां के दरवाजे खुले रखने पड़ते हैं. इससे यहां शराबी अंदर विद्यालय में बैठ कर शराब पीते हैं.
ओडीएफ घोषित गांव के परिषदीय विद्यालय में नहीं है शौचालय
ओडीएफ घोषित गांव के परिषदीय स्कूल में शौचालयों का अभाव है. यहां के स्टाफ के साथ ही छात्र छात्राएं खुले में शौच को जाते हैं. प्रधान को जानकारी देने के बावजूद स्कूल की समस्या जस की तस है.
परिषदीय विद्यालय में नहीं है शौचालय
स्कूल के बाहर छात्राएं शौच करने को मजबूर
- हरदोई जिले के अहिरोरी ब्लॉक के प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय मसीत में विगत कई महीनों से शौचालय का अभाव है.
- इससे यहां के स्टाफ सहित बच्चों आदि को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
- विद्यालय में करीब डेढ़ सौ बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं.
- कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राएं तबसे खुले में शौच व लघुशंका खुले में जाने को मजबूर हैं.
- छात्राओं ने शौचालय न होने से आ रही समस्याओं को बताया.