हरदोई: निजी बस मालिकों ने जिला प्रशासन के खिलाफ विरोध कर सौंपा ज्ञापन - निजी बसों मालिकों का प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में निजी बस संचालकों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. जाम की समस्या से निपटने के लिए निजी बसों को शहर से बाहर करने के आदेश के बाद निजी बस संचालकों ने विरोध जताकर कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपा.
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हरदोई: जिले में संचालित करीब 240 निजी बसों के मालिकों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा. मोटर मालिकों के प्रदर्शन का संज्ञान लेते हुए जिम्मेदार अफसरों ने सभी को समझा बुझाकर शांत किया, जिसके बाद सभी मोटर मालिकों के साथ नगर मजिस्ट्रेट, एआरएम रोडवेज, एआरटीओ प्रवर्तन व नगर पालिका ईओ ने कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक की और उनकी समस्याओं को सुना. बैठक में मोटर मालिकों की समस्याओं का कुछ खास समाधान नहीं किया जा सका. अंततः उन्हें दस दिन का समय दे दिया गया है. इस समयांतराल में सभी निजी बसों को शहर से बाहर करना होगा.आदेश का अनुपालन न करने पर मालिकानों को पेनाल्टी भी भरनी पड़ सकती है. वहीं बैठक में जिला प्रशासन के इस आदेश को कुछ मोटर मालिकों ने गलत बताया और आत्म दाह करने की चेतावनी भी दे डाली.
मोटर मालिकों ने किया प्रशासन के निर्देशों का विरोध
हरदोई जिले में जाम की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. इसी के मद्देनजर जिला प्रशासन ने कुछ रणनीतियां तैयार की हैं, जिसके तहत सबसे पहले निजी बसों को शहर से बाहर करने के निर्देश जारी किए गए हैं. इस निर्देश का नोटिस जैसे ही बस मालिकों के पास पहुंचा वैसे ही सभी ने कलेक्ट्रेट में आकर विरोध जताया और ज्ञापन भी सौंपा. हालांकि आक्रोशित बस मालिकों के साथ जिम्मेदारों ने कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक भी की. बैठक में सभी मालिकों ने आड़े आ रही समस्याओं का बखान किया और दो वक्त की रोटी कमाने के उनके धंधे का हवाला देते हुए जारी निर्देशों को वापस लेने की विनती जिला प्रशासन से की. मालिकों ने कहा कि हमारे पास शहर से यात्रियों को बैठाने का परमिट है, जब हमारी बसों को शहर से बाहर कर दिया जाएगा ऐसे में छोटे से शहर की सीमा से बाहर होने पर यात्री हमारी बसों तक क्यों आएंगे.
सिटी मजिस्ट्रेर जंग बहादुर यादव ने बैठक की विधिवत जनकारी से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि जिले में जाम की समस्या को दूर करने के लिए ही इन बसों को शहरी सीमा से बाहर किये जाने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे कि जनपदवासियों को रोज के आवागमन में असुविधा न झेलनी पड़े. उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी मालिकों को दस दिनों का समय दिया गया है.