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हरदोई: जिला महिला अस्पताल में गर्भवती की मौत - हरदोई समाचार

यूपी के हरदोई जिले में डॉक्टरों की संवेदनहीनता के चलते गर्भवती की मौत हो गई. दरअसल जिला अस्पताल में तबीयत खराब होने पर परिजन उसे लेकर निजी अस्पताल भी गए थे, लेकिन कोरोना मरीज समझकर उसका इलाज नहीं किया गया.

गर्भवती महिला की हुई मौत
गर्भवती महिला की हुई मौत

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Published : Jun 12, 2020, 9:46 PM IST

हरदोई: जिले में डाक्टरों की संवेदनहीनता का मामला सामने आया है. यहां पर महिला चिकित्सालय में भर्ती एक गर्भवती महिला की तबीयत बिगड़ने पर परिवार के लोग उसे निजी अस्पताल ले गए. गर्भवती महिला की सांस फूलती और उसे खांसता देखकर निजी अस्पताल में चिकित्साकर्मियों ने कोरोना मरीज समझकर उसका उपचार करने से मना कर दिया. जिसके बाद पीड़ित परिवार महिला को वापस लेकर जिला महिला चिकित्सालय पहुंचा, जहां महिला की मौत हो गई. मामले में परिवार के लोगों ने उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा काटा. मामले में सीएमओ ने स्पष्टीकरण देते हुए जांच के आदेश दिए हैं.

गर्भवती महिला की मौत.

टरकाते रहे निजी अस्पताल
जिले के कोतवाली शहर इलाके के आवास-विकास कालोनी निवासी अमित की पत्नी पूजा को 11 बजे दिन में प्रसव पीड़ा होने पर जिला महिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया था. परिवार वालों का आरोप है कि जिला अस्पताल में सामान्य प्रसव की बात कहकर उसे भर्ती किया गया था, लेकिन अचानक उसे महिला चिकित्सालय के ऑपरेशन रूम में ले जाया गया. जिसके बाद महिला की तबीयत खराब बताकर अस्पताल कर्मियों ने उसे निजी अस्पताल ले जाने की बात कही. परिजन पूजा को लेकर जिले के कई निजी अस्पतालों में लेकर गए, लेकिन उसकी सांस फूलती और खांसता देखकर किसी भी निजी अस्पताल ने कोरोना मरीज समझकर उसे भर्ती नहीं किया.

इलाज के अभाव में गर्भवती की मौत
परिजन एक अस्पताल से लेकर दूसरे अस्पताल के चक्कर काटते रहे और अंत में फिर जिला महिला चिकित्सालय पहुंचे, जहां उसकी मौत हो गई. परिवार वालों का आरोप है कि महिला चिकित्सालय के डॉक्टरों ने पूरे मामले में लापरवाही दिखाई. उसके बाद किसी निजी अस्पताल में भी उसे एडमिट नहीं किया गया. इलाज के अभाव में गर्भवती महिला की मौत हो गई.

सीएमओ ने कही जांच की बात
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि महिला के साथ आए किसी अटेंडेंट ने उसे कोल्ड ड्रिंक पिला दी थी. इसकी वजह से उसे खांसी आने के कारण सांस फूलने लगी और तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे ऑपरेशन रूम ले जाया गया. जिले के निजी अस्पतालों में कोई भी कोविड-19 अस्पताल नहीं है. ऐसे में खांसी और सांस फूलती देखकर उसे कोविड का मरीज समझकर भर्ती नहीं किया गया होगा. प्रकरण में जांच के निर्देश दिए गए हैं, लापरवाही सिद्ध होने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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