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फंड खर्च न होने पर सीडीओ को आया ताव, इनसे मांगा जवाब - 60 पंचायत सचिव को जारी हुआ नोटिस

हरदोई में विकास कार्य में लापरवाही के चलते 6 एडीओ पंचायत और 60 पंचायत सचिवों को नोटिस जारी किया गया है.

मुख्य विकास अधिकारी.
मुख्य विकास अधिकारी.

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Published : Nov 23, 2020, 8:35 PM IST

हरदोई:विकास कार्यों में लापरवाही बरतना एडीओ पंचायत और पंचायत सचिवों को भारी पड़ गया. जिला पंचायत राज अधिकारी ने 6 सहायक विकास अधिकारी और 60 पंचायत ग्राम सचिवों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

पांचवें वित्त आयोग के तहत विकास कार्यों के लिए आए 11 करोड़ रुपये सरकारी खातों में डंप हैं. जिला पंचायत राज अधिकारी ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए सभी सहायक विकास अधिकारियों और पंचायत सचिवों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. साथ ही पांचवें वित्त आयोग की धनराशि को विकास कार्यों में खर्च करने के निर्देश दिए हैं.

11 करोड़ रुपये नहीं किए गए खर्च
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन, कायाकल्प के साथ ही अन्य कार्यों के लिए पांचवें वित्त आयोग के तहत धनराशि आवंटित की गई थी. इसके बाद भी तमाम विकासखंडों में विकास कार्य नहीं कराए गए. जिला पंचायत राज अधिकारी गिरीश कुमार ने विकास कार्यों की समीक्षा की तो 5वें वित्त आयोग की धनराशि खर्च नहीं किए जाने को बड़ी लापरवाही माना.


इन क्षेत्रों में नहीं हुआ विकास
विकासखंड भरावन में 2.09 करोड़, बेहंदर में दो करोड़, कोथावां में 2.06 करोड़, सुरसा में 2.82 करोड़, शाहाबाद में 2.02 करोड़ और टोडरपुर में 2.07 करोड़ रुपये डंप मिले. इसके चलते विकास कार्य नहीं हुए. लिहाजा विकास कार्यों में लापरवाही पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया. डीपीआरओ ने उक्त 6 विकास खंड के सहायक विकास अधिकारी और 60 ग्राम पंचायतों सचिवों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

विकास कार्यों में लापरवाही पर डीपीआरओ ने सहायक विकास अधिकारियों और पंचायत सचिवों से जवाब तलब किया है. पांचवें वित्त आयोग की शेष बकाया धनराशि को विकास कार्यों में जल्द खर्च करने के निर्देश दिए हैं.

धनराशि को खर्च करने के दिए गए निर्देश
मुख्य विकास अधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने बताया कि पांचवें वित्त आयोग की धनराशि से सामुदायिक भवन, पंचायत भवन, कायाकल्प आदि विकास कार्य कराए जाने थे. समीक्षा के दौरान सामने आया कि कई विकासखंड में पांचवें वित्त आयोग की धनराशि खर्च नहीं की गई है. इस पर संबंधित अधिकारियों से वाब तलब किया गया है. साथ ही उन्हें पांचवें वित्त आयोग की शेष धनराशि शीघ्र विकास कार्यों पर खर्च करने के निर्देश दिए हैं.

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