हरदोई:जिला मुख्यालय हरदोई से 4 किलोमीटर दूर स्थित मोहनपुरवा गांव के लोग करीब 15 वर्षों से बिना बिजली के रहने के लिए मजबूर हैं. सूरज ढलते ही पूरा गांव अंधेरे में समा जाता है. यहां बिजली के पोल पर लाइनें तो हैं, लेकिन उनमें बिजली नहीं आती. जिले में आज भी तमाम गांवों में बिजली नहीं पहुंच सकी है. ऐसे में सरकार और बिजली विभाग के ऊपर बड़ा सवाल जरूर खड़ा हो रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने गांव का जायजा लिया तो हालात चौंकाने वाले मिले. यहां बिजली न होने से बच्चों से लेकर बूढ़े तक परेशान हैं.
वर्षों से अंधेरे में है मजरा गांव. गांव खोल रहा सरकार के दोवों की पोल सरकार हर गांव तक विकास पहुंचाने का दावा कर रही है. घर-घर तक बिजली-पानी देने के वादे कर रही है. इसके विपरीत हरदोई जिले के बिजली विभाग की कार्यप्रणाली इन दावों की पोल खोल रही है. आज भी जिले के एक गांव के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. यहां लोग सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे. इस गांव में आज भी अंधेरा पसरा हुआ है. लोग बिना लाइट और पंखे के रहते हैं. ये गांव जिला मुख्यालय से 4 किलोमीटर दूर है. इस गांव की आबादी 500 के आसपास है.
गांव मे लगा ट्रांसफार्मर. रसूखदारों ने कटवा दी थी लाइन
बहर ग्राम सभा का गांव मोहनपुरवा बिजली विभाग की अनदेखी का शिकार है. यहां करीब 15 वर्षों से बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है. गांव में बिजली के खंभे और तार मौजूद हैं. एक छोटा ट्रांसफार्मर भी लगा हुआ है. करीब 15 वर्ष पहले तक गांव में बिजली थी. ग्रामीणों की माने तो कुछ ऊंचे रसूख वाले लोगों ने गांव की मेन लाइन कटवा दी थी. इसके बाद से गांव में बिजली नहीं आई है.
अंधेरे में पढ़ाई करने को मजबूर हैं बच्चे
मोहनपुरवा में बिजली न होने का सबसे ज्यादा असर बच्चों की पढ़ाई पर हो रहा है. छात्र-छात्राएं अब निराश हो चुके हैं. उन्होंने सरकार और शासन से उम्मीद करना छोड़ दिया है. पढ़ाई करने के लिए सभी घरों में अपने इंतजाम हैं. पढ़ाई करने के लिए यहां आज भी बच्चे दीये और मोमबत्ती का सहारा लेते हैं. ऐसे में बच्चों की आंखों पर जोर पड़ता है और उनकी पढ़ाई भी बेहतर ढंग से नहीं हो पाती. इस गांव में बिजली न होने से सैकड़ों बच्चों का भविष्य खतरे में है.
लड़कों की शादियों में होती है दिक्कत
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान ग्रामीणों ने तमाम समस्याओं का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बिजली नहीं होने के कारण उनके गांव में कोई भी अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहता. लोग कहते हैं कि जिस गांव में बिजली ही नहीं आती हो, वहां हम अपनी बेटी की शादी कैसे कर दें.
गर्मी के मौसम में हाल हो जाते हैं बेहाल
ग्रामीणों ने जानकारी दी कि गर्मी का मौसम आते ही यहां लोग सहम जाते हैं. गांव में बिजली न होने से अंधेरा छाया रहता है. गर्मी में पंखे, कूलर न चलने से रात में सोना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे ही तमाम समस्या होने के बावजूद इनका निदान करने वाला कोई नहीं है.
योजनाओं के लाभ से भी वंचित है गांव के लोग
गांव के निवासी बिजली के साथ ही सरकारी योजनाओं के लाभ से भी वंचित हैं. मूलभूत सुविधाएं भी गांव में नहीं हैं. बिजली, पानी, घर और शौचालय, गैस सिलेंडर आदि भी अधिकांश लोगों के पास नहीं है. गांव के अंदर मौजूद बारात घर भी जर्जर और बदहाल है. गांव की स्थिति देख ऐसा प्रतीत होता है कि यहां विकास कार्य कभी हुए ही नहीं हैं.
मामला संज्ञान में आते ही इस गांव में बिजली विभाग के अधिकारियों ने स्वयं जाकर सर्वे किया है. प्रयास यही रहेगा कि इस गांव में जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति की व्यवस्था कर ग्रामीणों को कनेक्शन उपलब्ध करा दिए जाएं.
-ओपी पाल, अधिशासी अधिकारी, बिजली विभाग