हरदोईः जिले में शुक्रवार को आये बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने जिले के बारात घर के बाहर नाले के ऊपर अपना गुजर बसर कर रहे एक पिता और उसके नाबालिक पुत्र को नया जीवन दिया है. मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने 14 वर्षीय बच्चे को बाल संरक्षण गृह भिजवाने के निर्देश दिए. साथ ही उसके वृद्ध पिता को वृद्धाश्रम भेजे जाने के लिए प्रबंध करवाए.
विगत लंबे समय से खुले आसमान के नीचे गुजर बसर कर रहे इस पिता-पुत्र का जीवन कैसे कट रहा होगा, ये तो आप जान ही गए होंगे. लेकिन आज आयोग के अध्यक्ष द्वारा किया गया सराहनीय कार्य भी चर्चा का विषय बना हुआ है. उनके द्वारा बच्चे और उसके पुत्र को एक नया जीवनदान मिला है.
बिलग्राम तहसील के सदरपुर इलाके के रहने वाले नरेंद्र त्रिवेदी और उनका 14 वर्षीय पुत्र शिवम विगत लंबे समय से शहर के डाक बंगले के सामने बारात घर के बाहर बने बड़े गंदे नाले के ऊपर बोरिया-बिस्तर रखकर जीवन यापन कर रहे थे. लेकिन इनकी समस्या सुनने वाला और इनकी मदद करने वाला कोई भी नहीं है.
पीड़ित शिवम की मां का देहांत कुछ वर्षों पूर्व हो गया था, जिसके बाद पिता कर्ज में डूब गए और कर्जदारी के चलते इनका घर और खेत सब छीन लिया गया. जिसके बाद ये सड़क पर आ गए. इस पीड़ित परिवार की तरफ न तो किसी अधिकारी का ध्यान गया और न ही किसी जनप्रतिनिधि और सामाजिक संस्था का.
समीक्षा बैठक करने हरदोई पहुंचे बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने आज जब इस बात का संज्ञान लिया तो वे बैठक के तुरंत बाद इस पीड़ित परिवार के पास पहुंचे और अधिकारियों से नाराजगी जताई. उन्होंने मौके से ही बच्चे को लखनऊ के मोहान रोड स्थिति बाल संरक्षण गृह भिजवाया और उसके पीड़ित और बीमार पिता को वृद्धाश्रम भेजे जाने के निर्देश जारी किए. उन्होंने कहा कि बच्चे और पिता इस दौरान एक दूसरे से दूर भले ही रहेंगे लेकिन दोनों का जीवन संवर जाएगा. उन्होंने कहा कि बच्चे को उसके पिता से मिलवाने के लिए भी जिम्मेदार समय-समय पर प्रबंध करेंगे.