हरदोई: सरकार भले ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के दावे पेश कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिले के एक गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, जहां का भवन जर्जर है. लेबर रूम में ओपीडी संचालित की जा रही है. वहीं इस दौरान यहां के डॉक्टर भी कुम्भ में मरीजों का इलाज कर रहे थे.
जिले के पिहानी ब्लाक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रेंगाई गांव में है. यहां का भवन विगत लंबे समय से जर्जर अवस्था में पड़ा हुआ है, जिसके चलते यहां ओपीडी को एक लेबर रूम के वार्ड में संचालित किया जा रहा है. यहां रोजाना करीब सौ के आस-पास मरीजों का आवागमन रहता है, लेकिन उन्हें इलाज मुहैया कराने के लिए यहां पर डॉक्टर मौजूद नहीं हैं.
गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन जर्जर. जिस डॉक्टर की यहां पर तैनाती है उनकी ड्यूटी प्रयागराज कुम्भ में लगाई गई थी, लेकिन कुम्भ को सफल बनाने की होड़ में इस रेंगाई गांव के मरीजों की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं गया. स्वास्थ्य केंद्र पर किसी अन्य डॉक्टर को तैनात न करते हुए एक स्टाफ नर्स के सहारे ही पीएचसी को छोड़ दिया गया. ऐसे में यहां के मरीजों को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं स्टाफ की कमी के चलते यहां कार्यरत नर्स को भी कठिनाई हो रही है. इस विषय में जब यहां की नर्स निकिता वर्मा से जानकारी ली गई तो कैमरे के सामने आते ही उनका दर्द छलक उठा और उन्होंने आ रही समस्याओं से अवगत कराया. सीएमओ एसके रावत ने जल्द ही समस्या का समाधान किये जाने का दावा तो किया, लेकिन जर्जर भवन को जर्जर मानने से इनकार करने लगे.