हरदोई: जिले में विज्ञान केंद्रों की बात करें तो वह बहुत ज्यादा संख्या में मौजूद नहीं है, लेकिन जरूरतों के हिसाब से यहां पर कुछ विज्ञान केंद्र संचालित किए जा रहे हैं. इनमें से एक है कृषि विज्ञान केंद्र. हरदोई जिला एक कृषि उत्पादन क्षेत्र है. इसी को ध्यान में रख यहां के कृषि विज्ञान केंद्र को संचालित किया जा रहा है. जिसका लाभ भी भरपूर तरीके से किसानों को मिल रहा है.
इस केंद्र में 6 वैज्ञानिकों की टीम काम करती है. विगत 3 वर्षों पहले यहां पर इस केंद्र का निर्माण कराया गया था. इसके बाद किसानों को इससे काफी हद तक लाभ भी मिला है और किसानी करने के सही ढंग से किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. हरदोई जिले में मौजूद कृषि विज्ञान केंद्र किसानों के हितार्थ काम करता है. यहां पर अलग अलग क्षेत्रों के करीब 6 वैज्ञानिक तैनात हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र से किसानों को किया जा रहा जागरूक ये कृषि प्रसार, कृषि उत्पादन, उद्यान, पशुपालन आदि क्षेत्रों के वैज्ञानिक हैं. यहां पर फसलों की नई प्रजातियों के विकास से लेकर किसानों को दवाएं वितरित किये जाने और उन्हें जागरूक करने जैसे तमाम लाभकारी काम किये जाते हैं. अभी जिन मुख्य स्वरूपों पर यहां के वैज्ञानिक रिसर्च कर काम कर रहे हैं उनमें से एक भूमि सुधार का मुद्दा है.
हरदोई जिला एक बड़ा कृषि उत्पादन क्षेत्र है. यहां पर अधिकांश भूमि खराब पाई गयी है. इस क्रम में यहां के वैज्ञानिक भूमि सुधार निगम की सहायता से भूमि का आंकलन कर यहां बोई जाने वाली लाभकारी फसल की जानकारी जुटा कर नई फसलों का विकास कर रहे हैं. इससे भूमि की स्थिति सुधारने के साथ ही वे किसानों को ऐसी भूमि में नई और लाभकारी फसल के बीज मुहैया कराते हैं.
वहीं 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए भी यहां के वैज्ञानिक कार्यरत है. जिस क्रम में वे गांव गांव जाकर किसानों को संसाधनों और किसानी की जानकारी देकर जागरूक करने का काम कर ही रहे हैं. साथ ही किसानों को नि:शुल्क संसाधन और बीज आदि भी मुहैया करवा रहे हैं.
विभागों के साथ मिलकर कृषि के क्षेत्र में कैसे किसानों को लाभ दिया जा सके इस पर काम कर रहे हैं. मौजूदा समय मे भूमि सुधार व किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र प्रमुखता से कार्य कर रहा है और प्रयासरत है और नई फसलों पर रिसर्च कर उनका विकास कर रहे हैं. साथ ही समय समय पर गांव गांव जाकर किसानों को जागरूक करने से लेकर उन्हें प्रशिक्षण भी दे रहे हैं.
-डॉ. दीपक मिश्रा, कृषिवैज्ञानिक