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हरदोई: क्वारेंटाइन रहे 16 जमातियों का नहीं हुआ कोरोना परीक्षण, कमिश्नर ने लगाई फटकार

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Published : Apr 16, 2020, 12:34 PM IST

कोविड19 के लगातार बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए सरकार एहतियातन सभी जरूरी कदम उठी रही है, लेकिन हरदोई में स्वास्थ्य विभाग ने 15 दिन से क्वारंटीन 16 जमातियों को बिना कोरोना जांच कराए छोड़ दिया. इस लापरवाही पर कमिश्नर ने अधिकारियों को तुरंत जमातियों की जांच कराने के आदेश दिए हैं.

कमिश्नर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को लगाई फटकार
कमिश्नर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को लगाई फटकार

हरदोई:कोरोना महामारी को लेकर जहां सरकारें पूरी संवेदनशीलता बरत रही हैं. वहीं लोग लॉक डाउन के चलते घरों में कैद हैं. इसी बीच जिले में स्वास्थ्य महकमे की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां स्वास्थ्य विभाग ने एक मदरसे के क्वारेंटाइन किये गए जमातियों का कोरोना टेस्ट ही नहीं कराया.

मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने अधिकारियों को लगाई फटकार

हरदोई लॉकडाउन का निरीक्षण करने पहुंचे मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम के सामने इसका खुलासा होते ही उन्होंने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई. कमिश्नर ने सीएमओ से तुरंत जमातियों का कोरोना टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं. कमिश्नर ने कहा कि कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन जमातियों को छोड़ा जाए. उन्होंने 15 दिन से क्वारंटीन जमातियों के कोरोना टेस्ट न होने पर आश्चर्य व्यक्त किया.

कमिश्नर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को लगाई फटकार

16 जमातियों को बिना कोरोना जांच कराए छोड़ा

प्रशासन ने संडीला के एक मदरसे पर छापा मारकर मदरसा संचालक सहित 12 लोगों को एक स्कूल में क्वारेंटाइन किया था. इसके बाद जमातियों के संपर्क में आये पांच अन्य लोगों को भी क्वारेंटीन किया गया था. हालांकि प्रशासन ने उनमें से एक जमाती का कोरोना टेस्ट कराया था, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आयी थी. इसलिए स्वास्थ्य महकमे ने बाकी किसी जमाती का टेस्ट कराना जरूरी नहीं समझा. कमिश्नर से मिली फटकार के बाद स्वास्थ्य विभाग अब बाकी 16 जमातियों का कोरोना टेस्ट कराने की तैयारी कर रहा है.

16 जमातियों को बिना कोरोना जांच कराए छोड़ा.

सैंपल जांच कराने का आदेश
मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने कहा कि क्वारेंटाइन किए गए जमात के लोगों का कोरोना वायरस टेस्ट कराना चाहिए था. अक्सर देखने में आता है कि लोग पॉजिटिव होते हैं, लेकिन उनके अंदर कोई लक्षण नहीं आते हैं. ऐसे लोग दूसरे को संक्रमित कर सकते हैं. इसलिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है कि सभी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजें.

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