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हरदोई: चकबंदी प्रक्रिया में गड़बड़ी पर भड़के किसान, किया कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन

यूपी के हरदोई जिले के गांव नदुआपुर नरौथा में इन दिनों चकबंदी की जा रही है. जिसमें किसानों का आरोप है कि चकबंदी कर्मचारियों ने गलत तरीके से चकबंदी की है. जिसको लेकर किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान किसानों ने फिर से चकबंदी कराए जाने की मांग की है.

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चकबंदी प्रक्रिया में गड़बड़ी पर भड़के किसान.

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Published : Feb 1, 2020, 4:54 AM IST

हरदोई: जिले में तहसील सवाजपुर के किसानों ने चकबंदी प्रक्रिया को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया. किसानों का आरोप है कि चकबंदी कर्मचारियों ने गलत तरीके से चकबंदी की है. उनकी जमीन का रकबा ज्यादा है लेकिन फिर भी उन्हें जमीन कम दी जा रही है. इस कारण गांव केआधे से ज्यादा किसान प्रभावित हुए हैं. किसानों ने चकबंदी अधिकारी और नायब तहसीलदार से इसकी शिकायत की लेकिन इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.

चकबंदी प्रक्रिया में गड़बड़ी पर भड़के किसान.

किसानों की मांग है कि फिर से चकबंदी कराई जाए और उनकी पूरी जमीन उन्हें आवंटित की जाए. जिससे किसानों को चकबंदी कर्मचारियों की गड़बड़ी का खामियाजा न उठाना पड़े और उन्हें उनका वाजिब हक मिल सके.

जनपद में कलेक्ट्रेट परिसर में तहसील सवायजपुर के नदुआपुर नरौथा गांव के रहने वाले किसानों ने प्रदर्शन किया. इन किसानों का आरोप है कि चकबंदी कर्मचारियों के द्वारा गलत तरीके से चकबंदी की जा रही है. किसानों के मुताबिक रकबा के अनुसार भू चित्र नक्शा कम करके बनाया गया है. जिसके कारण उनके गांव में किसानों को चकबंदी के दौरान ज्यादा रकबा होने के बावजूद भी कम रकबा दिया जा रहा है.

ग्रामीणों की मानें तो चकबंदी प्रक्रिया के दौरान धारा 45 के नक्शे में जो किसानों को रकबा दिया गया है उसके अनुसार नक्शे की आकृति नहीं बनाई गई है. जिससे सभी किसान परेशान हैं. इसको लेकर किसानों ने रिकॉर्ड संशोधन के अनुसार पुराने नक्शे को खोज कर उसके मुताबिक पैमाइश कराने की मांग जिला प्रशासन से की है.

गांव में चकबंदी प्रक्रिया अपनाई जा रही है जिसमें चकबंदी अधिकारियों के द्वारा गड़बड़ी की जा रही है. ज्यादा रकबा होने के बावजूद भी उन्हें कम जमीन दी जा रही है. जिसके चलते गांव के आधे से ज्यादा किसान प्रभावित हैं. उनकी मांग है कि पुराने नक्शे के मुताबिक पुनः चकबंदी प्रक्रिया को अपनाया जाए ताकि पूरी जमीन उन्हें मिल सके.
-रामकृपाल सिंह, किसान

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