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हरदोईः पराली निस्तारण पर नहीं मिली सहायता, किसानों का फूटा गुस्सा

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के किसान दुविधा में फंसे हुए हैं. खेतों की पराली जलाने पर जेल की हवा खानी पड़ रही है, वहीं खेतों से पराली हटाए बिना नई फसल की बोआई संभव नहीं है. किसानों को जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है.

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पराली निस्तारण के लिए प्रशासन से नहीं मिली सहायता

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Published : Dec 5, 2019, 3:53 AM IST

Updated : Dec 5, 2019, 4:21 AM IST

हरदोई. उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के किसान अजीबोगरीब हालत में फंस गए हैं. खेतों की पराली जलाने पर जेल की हवा खानी पड़ रही है, वहीं खेतों से पराली हटाए बिना नई फसल की बोआई संभव नहीं है. इस दुविधा पर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है. उन्होंने आंदोलन शुरू कर दिया है. किसानों ने अब पराली जलाने की भी खुली चेतावनी प्रशासन को दी है.

पराली निस्तारण के लिए प्रशासन से नहीं मिली सहायता

हरदोई जिले के किसानों के खेतों में पराली बिखरी पड़ी है. किसान पराली निस्तारण के लिए सरकार से मिलने वाले भत्ते के इंतजार में हैं. लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है. इससे गुस्साए किसान आंदोलन में उतर चुके हैं. वे प्रदर्शन कर रहे हैं.

किसानों का कहना है कि 15 नवंबर तक गेहूं की बुआई का सही समय होता है. लेकिन खेतों में पराली अब तक खड़ी है. उनमें पराली जलाने पर पुलिसिया कार्रवाई का डर है. वहीं पराली निस्तारण के लिए किराए के वाहन लेने में भी सरकार की अड़चन है. सरकार की ओर से पराली निस्तारण को निर्धारित राशि अब तक किसानों तक नहीं पहुंचाई गई है. इससे निस्तारण का काम अब तक शुरू नहीं किया गया है.

इसका नतीजा यह है कि जिले के पिहानी रोड पर सौ बीघे का एक चक पराली से पटा पड़ा है. इसमें अब तक बुआई हो जानी थी. लेकिन प्रशासन के अड़ियल रवैये से ऐसे कई सैकड़ों बीघे खेत में अब तक बुआई शुरू नहीं हो सकी है.

किसान रावेंद्र सिंह का कहना है कि किसानों को पराली निस्तारण का भत्ता दिया जाए. वहीं किसान सुखदेव ने जिला प्रशासन को खुली चेतावनी दी है कि वे पराली जलाएंगे. सरकार और प्रशासन मुकदमा दर्ज करे, लाठियां चलाए. हम अपने परिवार का पेट काट कर नहीं रह सकते.

पराली को जलाए बिना ही उसके निस्तारण के लिए सहायता प्रदान की जा रही है. पराली जलाने पर कार्रवाई की जाएगी.
-गजेंद्र कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट, हरदोई

Last Updated : Dec 5, 2019, 4:21 AM IST

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