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हरदोई: न्याय के लिए कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठा परिवार - a family protested in the front of Collectorate in hardoi

उत्तर प्रदेश के हरदोई में शुक्रवार को पीड़ित परिवार ने कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन किया. पीड़ित परिवार का कहना है कि उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है. अगर अभी भी मांग नहीं सुनी गई तो दिल्ली के जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल करेंगे.

धरने पर बैठा परिवार

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Published : Nov 9, 2019, 8:40 PM IST

हरदोई: प्रशासनिक उपेक्षा के शिकार दो परिवारों ने जिले में कलेक्ट्रेट परिसर पर प्रदर्शन किया. पीड़ित परिवार का आरोप है कि उनके भाई का अपहरण कर लिया गया और पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह दिल्ली में जंतर मंतर पर भूख हड़ताल करेंगे.

धरने पर बैठा परिवार.

कलेक्ट्रेट परिसर पर दिया धरना
विकासखंड सुरसा के गांव छोली बेरिया निवासी विजय प्रताप सिंह एडवोकेट का परिवार और परमेश्वर के परिवार ने जिला कलेक्ट्रेटर पर धरना प्रदर्शन किया. यह परिवार गांव के ही रहने वाले लोगों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं. विजय प्रताप सिंह एडवोकेट का आरोप है कि उनकी जमीन पर दबंगई के चलते गांव के ही लल्लन सिंह, भोला सिंह, संजय सिंह, अमर सिंह और केपी सिंह ने कब्जा कर लिया था.

साथ ही इसी रंजिश के चलते उनके भाई को भी 11 जून 2016 को गायब कर दिया गया था, जिसकी प्राथमिकी उन्होंने स्थानीय थाने में दर्ज कराई थी. मामले में पुलिस ने जांच तो की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की. जबकि दबंग लल्लन सिंह और उनके समर्थक अभी भी एडवोकेट के परिवार को जानमाल की धमकियां दी जा रही हैं. धमकियां मिलने के चलते एडवोकेट ने 21 मई 2017 को अपना घर छोड़ दिया था.

घर छोड़ने के बाद भी लगातार धमकियां मिलने के चलते 3 अक्टूबर को एडवोकेट के परिवार ने लखनऊ के काकोरी में पानी की टंकी पर जाकर इंसाफ के लिए चढ़ गए थे, जिसके बाद पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने दबंगों पर कार्रवाई का आश्वासन देकर 5 अक्टूबर को उनका प्रदर्शन खत्म कराया था. प्रशासन के आश्वासन के बाद भी अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

कहीं भी किसी तरह की सुनवाई न होने के चलते परिवार असंतुष्ट होकर शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठ गया और पीड़ित परिवार की मांग है कि दबंगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उन्हें इंसाफ दिलाया जाए. अगर उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वह दिल्ली में जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल करने को विवश होंगे.

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