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हरदोई: काम से निकली गईं बुजुर्ग आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

यूपी में आंगनबाड़ी नियमावली में मुख्यमंत्री द्वारा किए गए बदलाव का हरदोई में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विरोध कर रही हैं. इसी को लेकर बुधवार को कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए.

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Published : Sep 10, 2020, 2:37 PM IST

प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करतीं बुजुर्ग महिलाएं.
प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करतीं बुजुर्ग महिलाएं.

हरदोई: आंगनबाड़ी की बुजुर्ग कार्यकर्ताओं ने बुधवार को जिला मुख्यालय पर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री विरोधी नारे भी लगाए. विरोध प्रदर्श करतीं इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की उम्र 60 वर्ष से अधिक है. इसके चलते इनको आंगनबाड़ी कार्य से निकाल दिया गया है. रोजगार छीन जाने पर कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा.

आंगनबाड़ी नियमावली में मुख्यमंत्री द्वारा एक बदलाव किया गया है. इसमें 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को सेवामुक्त करने की बात कही गई है. उसी के तहत जिले की करीब 270 बुजुर्ग कार्यकर्ताओं का रोजगार छिन गया है. रोजगार चले जाने से ये कार्यकर्ता भुखमरी की कगार पर आ गईं हैं.

1975 की नियमावली का किया जिक्र

मामले को लेकर आंगनबाड़ी संघ की अध्यक्ष रीता सिंह ने बताया कि 1975 की नियमावली में साफ है कि महिलाओं के हाथ-पैर जब तक चलते रहेंगे, तब तक वह कार्य करती रहेंगी. अपनी सेवा देती रहेंगी. वहीं सीएम योगी द्वारा किया गया बदलाव आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मंजूर नहीं है. इसी को लेकर सभी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने तालियां बजाकर और अन्य तरीकों से सीएम योगी के विरोध में नारे लगाए.

पुनः रोजगार दिए जाने की मांग

अध्यक्ष रीता सिंह ने कहा कि जिले की 270 बुजुर्ग कार्यकर्ताओं का रोजगार छीन लिया गया है. इन कार्यकर्ताओं की सरकार से मांग हैं कि उनका रोजगार उन्हें पुनः दिया जाए. साथ ही नियमावली में जो बदलाव किए गए हैं, उन्हें पूर्व की भांति संशोधित किया जाए. रीता सिंह ने कहा कि बिना किसी नोटिस के इन बुजुर्ग कार्यकर्ताओं को निकाल दिया गया और अब इनसे चार्ज दिए जाने का दबाव बनाया जा रहा है.

एफआईआर दर्ज किए जाने की मिली धमकी

इतना ही नहीं कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज किए जाने की धमकी दी जा रही है, जबकि इन कार्यकर्ताओं का दो माह का वेतन भी अभी तक नहीं दिया गया है. भविष्य में अगर महिलाओं की मांग पूरी नहीं की गई, तो वे वृहद स्तर पर प्रदर्शन कर सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने को मजबूर होंगी.

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