हरदोई: कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन घोषित करने के बाद सभी संस्थान और विद्यालय बंद हैं. घर बैठे छात्र-छात्राओं की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने कुछ खास इंतजाम किए हैं. छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर लॉकडाउन का कोई असर न पड़े, इसके लिए पूरे प्रदेश में ई-लर्निंग की व्यवस्था की गई है.
जिले में परिषदीय विद्यालयों से लेकर माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों को पढ़ाने के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस पर वीडियोज और अन्य तरीकों से बच्चों की पढ़ाई कराई जा रही है.
हरदोई जिले के परिषदीय विद्यालयों में ई-लर्निंग से बच्चों की पढ़ाई शुरू कर दी गई है. इसी क्रम में अब माध्यमिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत आने वाले राजकीय, एडेड और वित्त विहीन विद्यालयों सहित सीबीएसई और आईसीएससी विद्यालयों ने भी इस प्लेटफार्म को अपना कर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई शुरू कर दी है. अभी तक इस ई-लर्निंग में बच्चे और अभिवावक अपनी रुचि नहीं दिखा रहे थे, लेकिन अब ई-लर्निंग से जुड़ने वाले बच्चों की बढ़ती संख्या सकारात्मक परिणाम दर्शा रही है.
अभिभावकों को किया जा रहा है जागरूक
जिले के करीब 52 राजकीय विद्यालय, 72 एडेड विद्यालय और 498 वित्तविहीन विद्यालयों सहित कुल 15 सीबीएसई और आईसीएससी में मौजूद 1 लाख 37 हजार बच्चों में से लगभग एक लाख 5 हजार बच्चे विगत दिनों से ई-लर्निंग का हिस्सा बन अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. इससे वह घर पर रह कर लॉकडाउन के नियमों का पालन कर सुरक्षित भी हैं और अपनी शिक्षा भी पूरी कर रहे हैं. हालांकि अभी भी कुछ अभिवावक इस ई-लर्निंग को लेकर जागरूक नहीं है. ऐसे अभिभावकों को जागरूक करने का प्रयास भी जिम्मेदारों की ओर से लगातार किया जा रहा है, जिससे बच्चों की पढ़ाई बेकार न हो.
एक लाख से ज्यादा छात्र ले रहे हैं ई-लर्निंग से शिक्षा
जिला अधिकारी पुलकित खरे ने बताया कि 624 विद्यालयों के करीब एक लाख 5 हजार बच्चे अभी तक इन ऑनलाइन कक्षाओं का हिस्सा बन अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. इन बच्चों को शिक्षकों द्वारा वीडियो, वाल्स और तमाम अन्य तरीकों से पढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अभी भी तमाम ऐसे अभिवावक हैं, जो अपने बच्चों को इस तरफ प्रेरित नहीं कर रहे हैं. ऐसे अभिभावकों को शिक्षा विभाग जागरूक करने का प्रयास भी कर रहा है. जल्द ही जिले के सभी बच्चे इस ई-लर्निंग से जुड़ेंगे और उनकी पढ़ाई हर्ज न होने पाएगी.
जिलाधिकारी पुलकित खरे ने सभी अभिभावकों से अपील की है कि वह अपने बच्चों को सुबह 8 बजे से 2 बजे तक एंड्राइड फोन उपलब्ध कराएं, जिससे कि बच्चे अध्यापकों द्वारा ली जा रही ई-क्लास का हिस्सा बन सकें. जिलाधिकारी ने कहा कि भविष्य में जिले के बुकस्टर्स के माध्यम से बच्चों को उनके पाठ्यक्रम की किताबें भी उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके लिए रणनीति तैयार की जा रही है.
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