हरदोईः जिले में मौजूद जिला पूर्ति विभाग वैसे तो हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है. कभी विभागीय अनियमितता को लेकर तो कभी राशन की कालाबाजारी को लेकर विभाग चर्चाओं में रह है. इस लॉकडाउन के दौरान विभाग ने बड़ी ही तत्परता व प्रभावी ढंग से भ्रष्ट कोटेदारों के खिलाफ कार्रवाई की है. दरअसल लॉकडाउन में लोगों को राशन की आवश्यकता अधिक पड़ी और लोगों के माध्यम से कोटेदारों की अनियमितता की तमाम शिकायतें भी रोजआना शुरू हो गईं. जिसके बाद जिला पूर्ति अधिकारी ने रणनीति तैयार कर जिले की पूर्ति व्यवस्था में सुधार लाने की जहमत उठाई.
जिला पूर्ति विभाग की कार्रवाई. जिला पूर्ति विभाग ने सबसे पहले कालाबाजारी करने वाले कोटेदारों की धरपकड़ के लिए रणनीति तैयार की. जिसके तहत आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत करीब 18 कोटेदारों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई. अप्रैल माह से अभी तक के आंकड़ों की बात करें तो 18 FIR और पूरे वित्तीय वर्ष में होने वाली FIR की संख्या करीब 34 के आसपास की है. इसी के साथ लाखों रुपयों की जमानत राशि को जब्त कर घटतौली करने वालों से हजारों रुपये शमन शुल्क भी वसूल किया गया.
वसूला गया जुर्माना
जिला पूर्ति अधिकारी संजय कुमार पांडे ने जानकारी दी कि कोरोना महामारी के बाद हुए लॉकडाउन में कार्रवाई का सिलसिला पूर्व से काफी तेज रहा. इस दौरान रोजाना कार्ड धारकों की शिकायतों पर ही रणनीति तैयार कर सघन अभियान चलाए गए थे. जिसके तहत एफआईआर दर्ज होने के साथ ही पूरे जिले से करीब 5 लाख 24 हजार रुपये की जमानत राशि जब्त की गई. उन्होंने कहा कि अनियमितता पाए जाने पर करीब 44 सरकारी राशन की दुकानों को निलंबित किया गया. साथ ही 32 दुकानों का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. इसके साथ ही बांट माप और जिला पूर्ति विभाग के द्वारा चलाए गए. संयुक्त अभियानों में घटतौली करने वालों से करीब 40 हजार का शमन शुल्क भी वसूल किया गया.
संजय कुमार पांडे ने कहा कि इस लॉकडाउन के बाद से विभाग के लोग और भी चौकन्ने हो गए हैं. उन्होंने कहा कि जिले में कालाबाजारी करने वाले और घटतौली कर पात्रों का हक मारने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ अब सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिससे की जिले में पूर्ति व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके और राशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाया जा सके.