हरदोई: जिला मुख्यालय से 2 किलोमीटर दूर मौजूद एआरटीओ कार्यालय से सटी हुई रोड विगत लंबे समय से बदहाल पड़ी हुई है. एआरटीओ दफ्तर भी इस तालाब के किनारे बनी सड़क की चपेट में आता जा रहा है. इस मार्ग पर आए दिन कोई न कोई वाहन रात में दुर्घटना का शिकार हो जाता है. कई स्कूल और सरकारी विभाग भी इस मार्ग पर मौजूद हैं. इसके बावजूद जिम्मेदार अफसर इस तरफ ध्यान देना जरूरी नहीं समझ रहे हैं.
हादसों को दावत दे रही क्षतिग्रस्त सड़क. ये तस्वीरें जिला मुख्यालय से 2 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद उप संभागीय परिवहन विभाग से सटी हुई करीब 1 किलोमीटर लंबी सड़क की है. विगत कई वर्षों से बदहाल पड़ी यह सड़क गड्ढा मुक्त नहीं हो पाई. यह तस्वीरें सरकार के दावों की जमीनी हकीकत बयान कर रही हैं. सड़क के किनारे बने तालाब में कटान होने से इस मार्ग की चौड़ाई महज 3 से 4 फुट रह गयी है, जिससे रोजाना यहां से निकलने वाले दुपहिया और चार पहिया वाहनों का आवागमन प्रभावित हो रहा है. बेहटा चांद ग्राम सभा के अंतर्गत आने वाली यह सड़क लखनऊ राजमार्ग की लिंक रोड भी है.
हादसे का शिकार हो रहे वाहन
जब लखनऊ रोड पर जाम की समस्या होती है तो अधिकांश वाहन इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं. इस सड़क के तालाब में मिल जाने से रात्रि में यहां कई वाहन हादसे का शिकार भी हो चुके हैं. इस अंधेरी सड़क के किनारे बसे इलाके की आबादी करीब 5 हजार के आसपास है. इलाकाई लोगों ने बताया कि कई समस्या कई वर्षों से बरकरार है. कई बार संबंधित ग्राम प्रधान से लेकर बड़े अफसरों को पत्र के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन समस्या का समाधान करना तो दूर कोई जिम्मेदार यहां झांकने तक नहीं आया है.
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इस मार्ग पर एक सरकारी बांट माप कार्यालय, दो निजी विद्यालय और एक गेस्ट हाउस मार्ग के किनारे बना हुआ है. यहां बने एआरटीओ दफ्तर की बाउंड्री वॉल भी इस तालाब की चपेट में आ गयी है. ऐसे में तालाब बनी सड़क के साथ ही अन्य समस्याओं से इलाके के हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं. स्कूली बच्चे भी इस मार्ग से खतरे के साए में निकलने को मजबूर हैं.जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात करने पर उन्होंने भविष्य में समाधान किए जाने का आश्वासन जरूर दिया.