हरदोई: जनपद में जिला प्रशासन ने एक अनूठी पहल की. प्रशासन ने सामुदायिक रसोई घर की शुरुआत की. रसोई में जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराए जाने की रणनीति तैयार की. आज जिले के सभी नगर निकायों और नगर पालिकाओं में सामुदायिक रसोई घर को शुरू किया गया. अभी तक जिले के करीब 50 हजार से अधिक निराश्रित लोगों को भोजन कराया जा चुका है. रोजाना ये समुदायिक रसोई घर 3 हजार लोगों की भूख मिटा रहा है.
नगर पालिका बारात घर में एक सामुदायिक रसोई घर यानी कि कोरोना आपदा सहायता केंद्र का निर्माण कराया गया था. यहां भूखों के लिए अब रोजाना भारी मात्रा में भोजन बनाया जा रहा है. जिले के सभी नगर निकायों और नगर पालिकाओं में इस रसोई घर का निर्माण कराया गया था, जिसका नोडल अधिकारी सिटी मजिस्ट्रेट जंग बहादुर यादव को बनाया गया था. वहीं जिला प्रशासन के अन्य जिम्मेदार अफसर भी इसके संचालन में अपना अहम योगदान दे रहे हैं. जिले की वो निजी संस्थाएं जो सड़क पर घूमकर लोगों में भोजन का वितरण कर रही थीं, उनको अब ये अनुमति नहीं है.
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जिला प्रशासन ने आदेश जारी किया है कि अगर कोई जिले के गरीबों और असहायों की सहायता करने को इच्छुक है तो वो इस रसोई घर के नोडल अधिकारी के पास आकर सहायता राशि और भोजन दे सकता है और उसकी रसीद प्राप्त कर सकता है. इस सामुदायिक रसोई घर में एक खास बात ये है कि इसे सरकारी धन से नहीं बल्कि इसके संचालन में अधिकांश योगदान जिले की समाजसेवी संस्थाओं का है. इस रसोई घर मे 11 बजे और शाम 5 बजे दो शिफ्टों में खाना वितरित किया जाता है. ये रसोई घर रोजाना 3 हजार लोगों की भूख मिटा रहा है. इसी के साथ लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर यहां लोगों के बैठने के लिए एक से दो मीटर की दूरी पर चॉक से गोले बनाये गए हैं. इन्हीं में बैठ कर दायरा बरकरार रखते हुए ही लोगों को भोजन कराया जाएगा.
सिटी मजिस्ट्रेट जंगबहादुर यादव ने कहा कि पूरे जिले में रोजाना इस रसोई घर के माध्यम 3 हजार जरूरतमंदों और भूखों को भोजन कराया जा रहा है. इस रसोई घर के संचालन में सबसे अहम योगदान जिले की समाज सेवी संस्थाओं का है. अभी तक इस रसोई घर मे जिले के सभी नगर निकायों में करीब 50 हजा से अधिक लोग भोजन कर अपनी भूख मिटा सके हैं.