हरदोई: जिला महिला चिकित्सालय में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने लोगों को संचारी रोगों से बचाव के तरीके बताए. इसके साथ ही मंत्री ने जल्द ही संचारी रोगों के खात्मे का दावा किया. मंत्री ने देश में व्यापत कोरोना महामारी से बचाव के लिए एतिहात बरतने की अपील की. साथ ही सरकार के इंतजामों का बखान भी किया. मंत्री ने कहा कि डॉक्टरों को मरीज और उनके तीमारदारों के साथ प्रेम से पेश आना चाहिए. उनका कहना है कि डॉक्टरों के अच्छे व्यवहार से 50 फीसदी मरीज स्वस्थ हो सकते हैं.
मास्क लगाना है जरूरी
सुरेश खन्ना ने कहा कि जिस प्रकार गर्मी से बचने के लिए कूलर और पंखा जरूरी हैं. उसी तरह से कोरोना से बचने के लिए मास्क लगाना बेहद जरूरी है. इसके साथ ही अगर आपको किसी कारण वश अपने घर से बाहर निकलना हो तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें. साथ ही समय-समय पर साबुन से हाथ भी धोते रहें.
डॉक्टरों के अच्छे बर्ताव से ठीक हो सकते हैं मरीज
मंत्री ने कहा कि जब मरीज और उनके तीमारदार अस्पताल में आते हैं तो वे मानसिक रूप से बहुत परेशान होते हैं. ऐसे में डॉक्टरों का अच्छा व्यवहार मरीज और तीमारदारों को सकारात्मकता बनाता है. उनका कहना है कि 50 फीसदी मरीज सिर्फ डॉक्टरों के अच्छे बर्ताव से ठीक हो सकते हैं.
संचारी रोगों के मामलों में आई कमी
मंत्री सुरेश खन्ना ने जेईएस (जापानी इंसेफलाइटिस सिंड्रोम) और एईएस(एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम) के साथ ही मलेरिया, चिकन गुनिया और डेंगू आदि संचारी रोगों से ग्रसित लोगों के पिछले 5 वर्षों के आंकड़ों का बखान किया. इसके साथ ही साल दर साल उनके घटते आंकड़े पर सरकार की पीठ थपथपाई. उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में जेईएस से प्रदेश में 442 मरीजों में से 74 की मृत्यु हुई थी. वहीं 2020 में महज 10 लोग जेई से प्रभावित पाए गए. लेकिन किसी की भी मृत्यु नहीं हुई. इसी प्रकार अन्य संचारी रोगों से ग्रसित मरीजों की संख्या में साल दर साल कमी आई है.
11 लाख बच्चों का हुआ टीकाकरण
उन्होंने कहा कि प्रदेश के 38 जिले इन संचारी रोगों से प्रभावित हैं. मुख्यमंत्री के अथक प्रयासों के बाद जिस प्रकार इन रोगों पर पिछले 5 वर्षों में काबू पाया गया है, उसी प्रकार भविष्य में इन रोगों का पूरी तरह से खात्मा भी कर दिया जाएगा. इसके लिए इस प्रकार के संचारी रोग पखवाड़े की शुरुआत हर वर्ष की जाती है. इसमें स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसर और कर्मचारी घर-घर जाकर बच्चों का टीकाकरण करते हैं. साथ ही उन्हें इन रोगों से बचाव के तौर-तरीकों से अवगत कराते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 10 लाख बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य था, लेकिन प्रदेश में 11 लाख से अधिक बच्चों का टीकाकरण किया गया.
गंदे पानी में पनपते हैं मच्छर
मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इन रोगों के पैदा होने का मुख्य कारण चारों तरफ पसरी गंदगी है. इसके लिए समय-समय पर स्वच्छता अभियान चला कर प्रदेश को साफ सुथरा बनाया जा रहा है. ये घातक बीमारियां मच्छरों से फैलती हैं और मच्छर लंबे समय से जमा पानी में पैदा होते हैं. इसलिए जरूरी है कि अपने घर के आस-पास पानी जमा न होने दें.