हरदोई:महिला अस्पताल से आए दिन कभी मरीजों को इलाज न मिलना तो कभी डॉक्टरों की लापरवाही से मौत जैसे मामले आ रहे हैं. अस्पताल में मौजूद हेल्प डेस्क खाली पड़ा हुआ है और शिशु पालना गृह कबाड़ घर बना हुआ है. इस पर अस्पताल प्रशासन सिर्फ और सिर्फ समाधान का कोरा आश्वासन देने में लगा हुआ है.
जिला महिला अस्पताल सुविधाएं नदारद. महिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार
जिले का महिला अस्पताल अपनी लापरवाहियों को लेकर अब आए दिन चर्चाओं में रहने लगा है. हाल ही में यहां प्रमुख सचिव डिम्पल वर्मा ने निरीक्षण किया था, जिसमें तमाम खामियां भी सामने आईं थीं. प्रमुख सचिव ने यहां आने-जाने वाले सामान के ब्यौरे में हेर-फेर को लेकर और अस्पताल परिसर में पसरी गंदगी को लेकर जिम्मेदारों को फटकार भी लगाई थी.
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बंद पड़ा है हेल्प डेस्क
प्रमुख सचिव ने लचर प्रबंधन को दुरुस्त करने के भी निर्देश जारी किए थे. इसके बावजूद भी आज यहां मौजूद हेल्प डेस्क विगत लंबे समय से बंद पड़ी हुई है. हेल्प डेस्क से अस्पताल में आने जाने वाले मरीजों को अस्पताल के संबंध में तमाम सूचनाएं प्राप्त होती हैं, लेकिन इस महिला अस्पताल में एक भी हेल्प डेस्क संचालित नहीं है.
यहां मौजूद शिशु पालना गृह भी अस्पताल बनने के बाद से बदहाल पड़ा हुआ है. इसे नवजात शिशुओं के लिए बनाया जाता है, लेकिन इसकी हालात देखकर कोई भी यहां के पालने में अपने बच्चे को रखना लाजमी नहीं समझेगा. इतना ही नहीं यहां के शिशु पालना गृह में एक भी आया की तैनाती तक नहीं है और न ही लाइट और पंखे की व्यवस्था की गई है.
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हेल्प डेस्क पर ऑपरेटर की तैनाती है, लेकिन यहां बने शिशु पालना गृह में आज तक कोई लावारिस बच्चे को छोड़ कर गया नहीं है. आपके द्वारा यह बात संज्ञान में आई है तो हम मामले पर कार्रवाई करेंगे.
-राजेन्द्र सिंह, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल