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बेहाल शिक्षा व्यवस्था: तीन कमरों के स्कूल में शाम को लगता है नशेड़ियों का अड्डा, नहीं है चारदीवारी - three room school in hardoi

एक तरफ सरकार शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है. वहीं शिक्षा विभाग के जिम्मेदार इन प्रयासों पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं. हरदोई जिले के नीर गांव के परिषदीय विद्यालय में बॉउंड्री वॉल तक नहीं है. सड़क किनारे तीन कमरों में शिक्षा की पाठशाला चलाई जा रही है.

तीन कमरों का स्कूल.

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Published : Nov 6, 2019, 4:42 PM IST

हरदोईः जिले के अहरोरी ब्लॉक के नीर गांव में सड़क किनारे बने तीन कमरे पूर्व माध्यमिक विद्यालय नीर का भवन है. जहां करीब 290 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर अपने उज्ज्वल भविष्य की कामना कर रहे हैं. इस विद्यालय की तस्वीर देख आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इन बच्चों के भविष्य को लेकर शिक्षा विभाग कितना सजग है. सड़क के किनारे बने इन तीन कमरों वाले विद्यालय के परिसर का कोई अता पता नहीं है. आलम ये है कि ये विद्यालय गांव की सड़क व घरों से मिलकर रह गया है.

जानकारी देते संवाददाता.

विद्यालय के अंदर जर्जर भवन खतरे का सबब
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस विद्यालय में न ही बॉउंड्री वॉल है और न ही कोई गेट. ग्रामीणों के ट्रैक्टर-ट्रॉली से लेकर अन्य निजी वाहन भी स्कूल परिसर में ही खड़े रहते हैं. इसके अलावा विद्यालय के अंदर एक जर्जर भवन भी मौजूद है, जो बच्चों के लिए खतरे का सबब बना हुआ है. यह जर्जर भवन आवारा जानवरों के साथ ही जुआरियों व नशेड़ियों का अड्डा बना हुआ है, लेकिन जिम्मेदार इस विद्यालय की तरफ देखना भी नहीं चाहते.

तीन कमरों में चलने वाली पाठशाला
माध्यमिक विद्यालय की एक कक्षा प्राथमिक विद्यालय में संचालित हो रही है. इस जूनियर स्कूल में सिर्फ तीन कमरे ही सड़क किनारे बने हैं, जिनमें एक शिक्षिकाओं का और दो अन्य कक्षाओं में 8 व 7वीं की कक्षाएं संचालित हो रही हैं. एक तरफ सरकार शिक्षा में गुणवत्ता लाने का दावा पेश कर रही है और विद्यालयों में बच्चों का ठहराव बरकरार रहे इसके लिए तमाम इंतज़ाम करने में लगी है, तो जिले का ये जूनियर विद्यालय जमीनी हकीकत से रूबरू करा रहा है.

यहां ये समस्या लंबे समय से बरकरार है. यहां प्रधान ने नाम मात्र बॉउंड्री का निर्माण कराया, लेकिन उसके बाद से यहां किसी भी प्रकार का कोई निर्माण नहीं हुआ. कई बार इसकी शिकायत भी की फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.
-अजरा बी, प्रधानाध्यापक

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