हरदोई: जिले में शनिवार को सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने जमकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी कर अपना आक्रोश जताया. आरोप है कि जिले में लगातार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का शोषण किया जा रहा है. कभी रिपोर्ट फीडिंग के नाम पर वसूली कर तो कभी पुष्टाहार के वितरण जैसे अहम कार्यों को स्वयं सहायता समूह द्वारा करवा कर. इसी के साथ मानदेय बढ़ाये जाने के सरकार के वादे को भी पूरा किए जाने की मांग को लेकर आक्रोशित कार्यकत्रियों ने प्रदर्शन किया.
आक्रोशित आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने कलेक्ट्रेट का किया घेराव
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने जिला मुख्यालय पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने आरोप लगाया है कि फीडिंग के नाम पर उनसे प्रति माह 500 रुपये की वसूली की जाती है. उन्होंने मानदेय बढ़ाने की सरकार से मांग की है.
'मानदेय बढ़ाकर 18 हजार रुपये किया जाए'
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के संगठन की अध्यक्ष रीता सिंह ने कहा कि आज वे सब सरकार द्वारा पुष्टाहार का वितरण कार्य स्वयं सहायता समूह को देने के फैसले का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरी हैं. इसी के साथ हार्डकुक का पैसा प्रधानों के खातों में न डाल कर सीधा आंगनबाड़ी मात्र समिति के खाते में डाला जाए. इसी के साथ आक्रोशित कार्यकत्रियों ने योगी सरकार को उनका वादा भी याद दिलाया और कहा कि सीएम योगी ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय बढ़ाकर 18 हजार रुपये करने का वादा किया था, लेकिन आज भी मानदेय नहीं बढ़ाया जा सका है. सभी ने सरकार से मानदेय बढ़ाकर समय से उसका भुगतान करने की मांग भी की है.
'वसूले जाते हैं प्रति माह 500 रुपये'
रीता सिंह ने आरोप लगाया कि आंगनबाड़ी कार्यालयों में व्यापक रूप से भ्रष्टाचार व्याप्त है. फीडिंग के नाम पर प्रत्येक आंगनबाड़ी कार्यकत्री से प्रति माह 500 रुपये की वसूली की जाती है. ऐसे में 6-6 माह मानदेय न मिलने के बाद ये पैसा गरीब कार्यकत्री कहां से भरेंगी. इसी प्रकार के तमाम आरोप आंगनबाड़ी विभाग की सीडीपीओ व सुपरवाइजर के ऊपर उन्होंने लगाए हैं. इन्हीं सब मांगों को लेकर कार्यकत्रियों ने सीएम को संबोधित एक ज्ञापन एडीएम संजय कुमार सिंह को सौंपा.