हरदोई:जिले में इस दौरान उद्यान विभाग द्वारा कृषकों की सहूलियत के लिए भारी अनुदान प्रदान किया जा रहा है. दरअसल जिले में किसान अपनी फसलों की सिंचाई के लिए जो पद्धति इस्तेमाल में लाते हैं, उससे पानी की बर्बादी भी होती है. साथ ही और फसल की सिंचाई भी बेहतरी के साथ नहीं हो पाती. इसीलिए उद्यान विभाग द्वारा सिंचाई करने के लिए कुछ अत्याधुनिक उपकरणों का निजात किया है. जिस पर किसानों को 70 फीसदी तक अनुदान भी दिया जा रहा है. बता दें कि टपक व फव्वारा सिंचाई पद्धति के जरिये 80 फीसदी तक पानी की बचत होती है. साथ ही फसल की सिंचाई भी बेहतरी के साथ हो जाती है.
जिले में इस दौरान उद्यान विभाग सिंचाई करने की अत्याधुनिक पद्धतियों (ड्रिप, स्प्रिंकलर व मिनी स्प्रिंकलर) पर करीब 70 परसेंट तक का अनुदान दे रहा है. बता दें कि बीते वर्ष में जिले में 246 हेक्टेयर में ड्रिप मशीन को लगाया गया था. वहीं करीब 500 किसानों ने स्प्रिंकलर मशीन को अपनी फसलों में सिंचाई करने के लिए इस्तेमाल किया था. दरअसल इन अत्याधुनिक मशीनों को इस्तेमाल में लाने पर 80 फीसदी तक पानी की बचत होती है. इसके साथ ही 40 फीसदी तक फसल की पैदावार में वृद्धि भी होती है.
जानिए टपक सिंचाई पद्धति के बारे में
टपक यानी कि ड्रिप पद्धति के जरिये फसल की जड़ों तक पानी को पहुंचाया जाता है. इस विधि में पतली पानी की पाइप पेड़ की जड़ के पास सटा कर लगाई जाती है. जिससे कि एक-एक बूंद पानी समय-समय पर जड़ों में जाता है. इससे पानी की बचत भी होती है और फसल की पैदावार भी अधिकाधिक रूप से हो पाती है.