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भाजपा मंडल अध्यक्ष को पुलिस के उठाने पर मचा घमासान - argument among police and bjp workers

हापुड़ में भाजपा के देहात मंडल अध्यक्ष को गुरुवार देर रात पुलिस ने उनके घर से उठा लिया. देर रात करीब साढ़े तीन बजे पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया लेकिन, शुक्रवार को इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ.

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भाजपा मंडल अध्यक्ष की गिरफ्तारी पर हंगामा

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Published : Feb 27, 2021, 4:09 PM IST

हापुड़: भाजपा के देहात मंडल अध्यक्ष को गुरुवार देर रात कोतवाली पुलिस ने उनके घर से उठा लिया. गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद अचानक हुई कार्रवाई से माहौल गरम हो गया. देर रात करीब साढ़े तीन बजे दिनेश त्यागी को पुलिस ने छोड़ दिया लेकिन, शुक्रवार को इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ. सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में वार्ता के लिए एसपी के पहुंचने पर भाजपाइयों ने जमकर हंगामा किया. भाजपाइयों ने शोर मचाते हुए उन्हें भी जेल भेजने की बात कही. एसपी के समझाने पर मामला शांत हुआ और आधे घंटे तक जनप्रतिनिधियों और जिलाध्यक्ष के साथ एक कमरे में वार्ता चली. भाजपाइयों ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है.

भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर लगाया आरोप
आरोप है कि साल 2009 में जाम लगाने के मामले में दिनेश त्यागी को गैर जमानती वारंट जारी हुआ था. इसके बाद गुरुवार की रात करीब एक बजे कोतवाली पुलिस गांव धनौरा में दिनेश त्यागी के घर पहुंची. पुलिसकर्मियों ने दिनेश त्यागी को घर से बुलाया और पुलिस की गाड़ी में बैठाकर कोतवाली ले आई. भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इस दौरान दिनेश त्यागी के साथ अभद्रता और हाथापाई की गई. देर रात ही पार्टी पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद करीब साढ़े तीन बजे दिनेश त्यागी को छाेड़ दिया गया.

शुक्रवार को सांसद राजेंद्र अग्रवाल भी नगर में पहुंचे. रात्रि के घटनाक्रम की जानकारी उन्हें दी गई. इसके बाद एसपी नीरज कुमार जादौन को वार्ता के लिए सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में बुलाया गया. दोपहर के समय सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस के एक कमरे में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, विधायक विजयपाल आढ़ती, नगर पालिकाध्यक्ष प्रफुल्ल सारस्वत, जिलाध्यक्ष उमेश राणा और एसपी के बीच वार्ता शुरू हुई. कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सुबोध सक्सेना और अभद्रता करने वाले पुलिसकर्मियों को हटाने की मांग की गई. मगर किसी बात पर मामला बिगड़ गया, लेकिन फिर बातचीत शुरू हुई. करीब आधा घंटे की वार्ता के बाद सभी कमरे से बाहर निकले और एसपी मौके से चले गए. इसके बाद जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों ने कार्यकर्ताओं को समझाया.

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