हापुड़:उत्तर प्रदेश में कोरोना का संक्रमण लोगों पर जहां कहर बनकर टूटा है, वहीं स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार जनता के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है. कोरोना काल में प्रदेश भर से दवाओं की कालाबजारी की खबरें सुर्खियां बनीं तो वहीं सड़क हादसे जैसे दुखद घटनाओं में अपनों को खोने वालों की बॉडी पोस्टमार्टम से प्राप्त करना परिजनों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. ताजा मामला हापुड़ जिले का है, जहां एक्सीडेंट में हुई तीन लोगों की मौत के बाद पोस्टमार्टम के लिए परिजनों से 4500 रुपये की मांग की गई, पैसे न देने पर गलत रिपोर्ट बनाने की धमकी भी गई. मामला संज्ञान में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है.
जिले के गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली क्षेत्र में सोमवार को मां समेत दो बेटों की सड़क हादसे में मौत हो गई. पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इसके बाद पोस्टमार्टम हाउस में सौदेबाजी का घिनौना खेल चालू हो गया. दरअसल, मोर्चरी में तैनात कर्मचारी ने तीनों शवों के पोस्टमार्टम करने के लिए साढ़े चार हजार रुपये की मांग कर दी. इसका विरोध करते हुए पीड़ित परिवार शवों को अंतिम संस्कार के लिए लेकर चले गए. मौके पर मौजूद किसी ने मामले का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. वीडियो देख स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. सीएमओ ने चिकित्सा अधिकारी को मामले की जांच के आदेश दिए.
बता दें कि जिले के गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली क्षेत्र स्थित ब्रजघाट के पास शनिवार की दोपहर अनियंत्रित ट्रक ने गजरौला की तरफ से आ रही बाइक को टक्कर मार दी थी. हादसे में बाइक चालक अमित और उसके छोटे भाई सनी समेत मां सविता की मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेजा था. मार्चरी में तैनात एक कर्मचारी ने मां और उसके दोनों बेटों की मौत पर कोई भी अफसोस जताना मुनासिब नहीं समझा, बल्कि उसने बेशर्मी के साथ तीनों शवों के पोस्टमार्टम करने के लिए साढ़े चार हजार रुपये की मांग कर दी.