हमीरपुर :जनपद में यमुना और बेतवा नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं. इससे ग्रामीणों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ की चपेट में आने से दर्जनों कच्चे मकान तबाह हो गए हैं. वहीं मवेशियों को भी भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ की चपेट में आए निचले इलाकों में रहने वाले लोगों में जिला प्रशासन के प्रति रोष है.
खतरे के निशान के ऊपर बह रही यमुना. बाढ़ ने बढ़ाई मुश्किल
- बेतवा और यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से घाटों के किनारे बसे घरों में पानी भर गया है.
- टिकरौली मार्ग में पानी भर जाने के कारण कई गांवों का संपर्क भी कट गया है.
- नदी का जलस्तर बढ़ने से टिकुली, देवगांव, बड़ागांव और पत्यौरा गांव बाढ़ की चपेट में हैं.
- प्रशासन की अव्यवस्था से गांव वालों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
- इससे गांव वालों में प्रशासन के प्रति भारी आक्रोश है.
- वहीं जिला प्रशासन स्थिति सामान्य होने का दावा कर रहा है.
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ग्रामीणों का है ये कहना
कुछेछा निवासी धीरेंद्र सिंह बताते हैं कि शनिवार रात बेतवा नदी में अचानक पानी तेजी से बढ़ने लगा और उनका घर पानी की चपेट में आ गया. वे बताते हैं कि वह अपने घर का सामान भी नहीं निकाल पाए और उनके पूरे घर में पानी भर गया. धीरेंद्र कहते हैं कि उनकी कई बीघे की फसल भी चौपट हो गई है जिससे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
बेतवा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं लेकिन अब बेतवा नदी के जलस्तर में धीरे-धीरे स्थिरता आ रही है. वहीं यमुना नदी के जलस्तर में भी शाम तक स्थिरता आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी बाढ़ पर पैनी नजर बनाए हुए हैं. कुछेक स्थानों पर बाढ़ से नुकसान हुआ है.
-विनय प्रकाश श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी