हमीरपुर: जिले में महज दो दिन बाद नगर निकाय चुनाव का मतदान होना है. मंगलवार को चुनाव प्रचार भी थम गया. सभी राजनीतिक दल पूरे जोर-शोर से लोगों को अपने पाले में करने में जुटे थे. इन राजनैतिक दलों से टिकट न मिलने पर बगावत करके मैदान में उतरे प्रत्याशी पार्टी के अधीकृत प्रत्याशियों के लिए मुसीबत बन गए हैं. बागी नेताओं की रणनीति से बाहर निकलना इनके लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है.
गौरतलब है कि भाजपा और कांग्रेस से होकर बसपा में शामिल हुए जयकरन सिंह को पार्टी ने टिकट थमाया है. वहीं, बसपा से टिकट न मिलने से नाराज मिशनरी कार्यकर्ता सीताराम वर्मा ने पीजेपी से मैदान में ताल ठोक रखी है. वो बसपा के कैडर वोट पर सेंधमारी करके पार्टी की जड़े खोदने में जुटे हैं. ऐसा ही कुछ हाल कांग्रेस का है. कांग्रेस ने पिछला चुनाव आजीवन कांग्रेसी रहे आनंदी प्रसाद के चेहरे पर लड़ा और जीता था. इस बार कांग्रेस के टिकट के लिए निवर्तमान चेयरमैन की पुत्र अजय कुमार पालीवाल प्रबल दावेदार थे. लेकिन, कांग्रेस हाईकमान ने अपना हाथ का निशान धीरेंद्र शिवहरे को थमा दिया. अब धीरेंद्र शिवहरे के साथ केवल हाथ है. लेकिन, कांग्रेसी नदारद हैं. वहीं, पुराने कार्यकर्ता निर्दलीय प्रत्याशी अजय कुमार पालीवाल के समर्थन में दिख रहे हैं. इससे कांग्रेस भी भितरघात का शिकार है.