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हमीरपुर में चार टांगों वाला राजू बना 'गांव का लाडला' - 'राजू' बना गांव का लाडला

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में चार टांगों वाला राजू सबका लाडला बन गया है. यहां इंसानों के साथ-साथ जानवरों के साथ भी मनुष्यता की तरह प्रेम करते देखा गया. जहां राजू को गांव वाले अपने बच्चों की तरह खिला-पिलाकर सेवा कर रहे हैं.

गांव का लाडला बना राजू

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Published : Sep 6, 2019, 7:18 PM IST

हमीरपुर:इंसानियत का रिश्ता बेजुबान जानवरों को भी अपना बना लेता है. फिर चाहे वह बेहद शर्मीला मनुष्यों से दूरी बनाकर रखने वाला जंगली जानवर वनरोज (नीलगाय) ही क्यों न हो. वैसे तो वनरोज ने बुंदेलखण्ड समेत प्रदेश के तमाम जिलों के किसानों की नाक में दम कर रखा है. वहीं भरुआ सुमेरपुर तहसील के हरिजन कॉलोनी में एक वनरोज लोगों का 'लाडला' बना हुआ है.

गांव का लाडला बना राजू.
सबका लाडला बना राजू
सुमेरपुर कस्बा निवासी सुलेमान खां को दो साल पहले एक वनरोज का बच्चा घायलावस्था में मिला था. पैर टूटा था और वह झाड़ियों में बुरी तरह से फंसा था, जिसे निकालकर वह घर ले आए थे. उन्होंने अपने स्तर से वन विभाग को भी सूचित किया, लेकिन किसी से कोई मदद नहीं मिली. ऐसे में वे उसे वापस जंगल में छोड़ आते, जिससे वह किसी जानवर का निवाला बन जाता. सुलेमान ने इंसानियत का फर्ज निभाते हुए वनरोज की देखरेख का फैसला किया. सुलेमान ने घायल वनरोज का इलाज कराया और उसका नाम राजू रखा. तीन माह तक एक लीटर दूध पिलाते रहे उसके बाद राजू चारा खाने लायक हो गया और अब वह वयस्क हो चुका है. पूरे मोहल्ले में पालतू मवेशियों की तरह घूमता है और दरवाजे पर जाकर खड़ा हो जाता है. हर कोई उसे बिस्कुट और खाना आदि खिलाता है और प्यार से दुलारता है. सुलेमान बताते हैं कि अब राजू उनके परिवार के साथ-साथ बस्ती का भी हिस्सा बन गया है. सारा दिन यहां-वहां घूमने के बाद राजू शाम होते ही वापस घर लौट आता है.

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चर्चा का विषय बना राजू
बस्ती के बड़े बुजुर्ग और बच्चे सभी राजू को बहुत प्यार करते हैं. सुलेमान बताते हैं कि चौपाया जानवर होने के बावजूद राजू इंसानों की तरह छत पर भी बहुत आसानी से चढ़ जाता है. बुंदेलखण्ड के जंगलों में वनरोज भारी संख्या में पाई जाती हैं. इनकी तादाद इतनी ज्यादा है कि किसानों को इनसे अपनी फसलें बचाने के लिए रातों को खेत में रतजग्गा करना पड़ता है. समय-समय पर शासन स्तर पर इन वनरोजों के सफाए को लेकर परमीशन भी दी जाती रही है, लेकिन हिरन की शक्ल वाले इन जंगली वनरोजों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है. ऐसे में इंसानों का दुश्मन समझे जाने वाले जंगली वनरोज की इंसानों के बीच मौजूदगी चर्चा का विषय बनी हुई है.

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