हमीरपुरः मौदहा निवासी बीएसएफ के जवान से मारपीट करने के आरोप में अदालत ने थाने में तैनात रहे पांच दारोगा और पांच सिपाहियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने के आदेश दिए हैं. अदालत का आदेश आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.
शिकायत पर पुलिस ने की थी पिटाई
वादी पक्ष के अधिवक्ता प्रेम प्रकाश शुक्ला और महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मौदहा निवासी मोहम्मद शाहिद उर्फ छोटू फौजी 19 सितंबर को एक सप्ताह के अवकाश पर आया था. वह बीएसएफ में काम करता है. इसी दौरान उसके ट्रक संचालन करने वाले दोस्तों ने पुलिस पर अवैध चेकिंग कर वसूली करने के आरोप लगाए, जिस पर मोहम्मद शाहिद ने 24 सितंबर को सीओ मौदहा और तहसीलदार को फोन किया. दोनों ने उसे डांट दिया, जिससे नाराज शाहिद ने मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की.
फर्जी मामले में भिजवा दिया था जेल
शिकायत के बाद थाने में तैनात दारोगा गुलाब सिंह उस पर पक्ष में आने का दबाव बनाने लगे. न मानने पर 25 सितंबर की रात मौदहा कोतवाली पुलिस उसे जबरन जीप में डालकर काेतवाली ले गई. वहीं से फर्जी आरोप दिखाकर जेल भेजवा दिया. इस दौरान शाहिद की दारोगा गुलाब सिंह, देवीदीन, जुबेर खान, देवेंद्र कुमार, मोहम्मद तौफीक अहमद और सिपाही राजेंद्र प्रसाद सरोज, संदीप मिश्रा, राहुल कुमार, अमित सिंह, रनवीर कुमार ने लात घूसों और डंडों से पीटा, जिससे वह बेहोश हो गया. जमानत में छूटने के बाद उसका मेडिकल कराया गया, जिसमें उसके अंगूठे में फ्रैक्चर निकला.
मुकदमा दर्ज करने का आदेश
उन्होंने बताया कि मामले की उच्चाधिकारियों से शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर पीड़ित के पिता ने अदालत की शरण ली और 156(3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया. जिसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिल कुमार ने स्वीकार करते हुए मौदहा कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक को प्रार्थना पत्र में दिखाए गए तथ्यों के अनुसार सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं.