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फिल्मी स्टाइल में कोर्ट में पेश हुए हत्यारोपी पूर्व विधायक अशोक चंदेल, उमड़ा समर्थकों का हुजूम - अशोक चंदेल में हमीरपुर जेल पेश

पूर्व भाजपा नेता अशोक चंदेल को कड़ी सुरक्षा के बीच आगरा से हमीरपुर की अदालत में पेश किया गया. इस दौरान वह फिल्मी स्टाइल में नजर आए.

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अशोक चंदेल

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Published : Sep 29, 2022, 4:26 PM IST

Updated : Sep 29, 2022, 4:58 PM IST

हमीरपुर: आगरा जेल में सामूहिक हत्याकांड में उम्र कैद की सजा काट रहे पूर्व भाजपा सांसद और विधायक अशोक चंदेल को कड़ी सुरक्षा में आगरा से हमीरपुर के कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान अशोक चंदेल फिल्मी स्टाइल में नजर आए. पेशी पर जाते समय चंदेल ने बंदी गाड़ी से ही हाथ हिलाकर अपने समर्थकों का शुक्रिया किया. इस दौरान उनके सैकड़ों समर्थक का हुजूम उमड़ पड़ा.

हमीरपुर कोर्ट में पेश हुए पूर्व विधायक अशोक चंदेल

गौरतलब है कि 25 वर्ष पूर्व 26 जनवरी 1997 को हमीरपुर के सुभाष नगर (Subhash Nagar of Hamirpur) में पांच भाइयों राजेश शुक्ला, राकेश, अंबुज उर्फ गुड्डू, श्रीकांत और वेदप्रकाश की हत्या कर दी गई थी. आरोपियों में पूर्व विधायक अशोक चंदेल भी शामिल थे. जबकि राकेश के भाई और चश्मदीद गवाह राजीव ने अशोक सिंह चंदेल के अलावा 10 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी. जुलाई 2002 को निचली अदालत से चंदेल सहित अन्य आरोपी बरी हो गए थे. 19 अप्रैल 2019 को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने निचली अदालत के आदेश को पलटते हुए सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई. 13 मई को चंदेल सहित आठ आरोपियों ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. इसके बाद अशोक चंदेल को हमीरपुर से आगरा जेल शिफ्ट कर दिया गया था. फिर गुरुवार को चंदेल को हमीरपुर कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान सीओ सदर रवि प्रकाश सहित भारी पुलिस फोर्स मौजूद रहा.

पूर्व विधायक अशोक चंदेल के समर्थकों का हुजूम

कौन है अशोक चंदेलःहमीरपुर में करीब 40 सालों तक राजनीति करने वाले अशोक सिंह चंदेल कानपुर देहात के नसनिया गांव के रहने वाले हैं. पहले कभी कानपुर में छात्र संघ के अध्यक्ष रहे थे. लेकिन 1980 के दौर में कानपुर के किदवई नगर में राजनीति करने वाले चंदेल हमीरपुर की तरफ बढ़ गए. इसके बाद इन्होंने पहला चुनाव 1989 में निर्दलीय जीता था. 1991 में राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा. लेकिन हार गए, हालांकि 1993 में जनता दल के टिकट पर चुनाव जीत गए. अशोक चंदेल साल 1996 में फिर से चुनाव हारे. लेकिन 1999 के चुनावों में वह पहली बार जेल में रहते हुए बसपा के टिकट पर सांसद बने. फिर 2007 में सपा के टिकट पर सीट जीती. साल 2017 में, चंदेल भाजपा के टिकट पर भी चुनाव जीते. लेकिन हत्या के मामले में दोषी साबित होने के बाद उन्हें भाजपा से बाहर कर दिया गया था.

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Last Updated : Sep 29, 2022, 4:58 PM IST

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