उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

फरवरी में बढ़ा तापमान, सूख रही फसलें

हमीरपुर जिले में फरवरी माह में बढ़े तापमान से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा गई हैं. किसानों का कहना है कि लगातार तापमान बढ़ने से खेत में खड़ी हरी फसल जो अभी ठीक से पक नहीं पाई है, वह तेजी से सूख रही है.

farmers crops are drying up due to rising temperatures in hamirpur
बढ़ते तापमान से किसानों के माथे पर गहराईं चिंता की लकीरें.

By

Published : Feb 28, 2021, 4:35 PM IST

हमीरपुर : उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड में इन दिनों तेजी से तापमान बढ़ रहा है. हमीरपुर जिले में फरवरी के महीने में ही मार्च-अप्रैल जैसी गर्मी पड़ने लगी है और पारा 35 डिग्री तक जा पहुंचा है. अचानक बढ़े तापमान से खेतों में खड़ी फसल पकने से पहले ही सूख रही है, जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरेंगहराने लगी हैं.

तापमान बढ़ने से सूख रही किसानों की फसलें.

तापमान बढ़ने से सूख रही फसलें
जिले के मुस्कुरा ब्लॉक के चिल्ली गांव निवासी व खेती किसानी कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले किसान अशोक विश्वकर्मा बताते हैं कि खेतों में इस वक्त अरहर, मटर, मसूर व सरसों सहित तमाम तरह की दलहन और तिलहन की फसलें अधपकी खड़ी हैं, लेकिन इन दिनों मौसम में अचानक गर्माहट आने से तापमान बढ़ गया है. लगातार तापमान बढ़ने से खेत में खड़ी हरी फसल जो अभी ठीक से पक नहीं पाई है, वह तेजी से सूखने लगी है. उन्होंने कहा कि पानी की उचित व्यवस्था न होने के कारण हम खेत में लगी फसल को पानी भी नहीं दे पा रहे हैं.

फसल उत्पादन में गिरावट का अनुमान
कृषि विज्ञान केंद्र कुरारा में कार्यरत कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर चंचल सिंह ने बताया कि फरवरी महीने में जिस तरह से अचानक से तापमान बढ़ रहा हैं, इसमें फसलों की पॉलिनेशन पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ रहा है. इस समय फसलों में दाना बनने की स्थिति है‌..मटर, गेहूं और चना की फसलें दुग्धावस्था में हैं. तापमान बढ़ने से इन फसलों के दानों में संकुचन आएगा, जिससे उत्पादन क्षमता में लगभग 25 से 30 प्रतिशत गिरावट का अनुमान है. उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति में स्प्रिंकलर से हल्की सिंचाई करने पर फसल को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है.

गौरतलब है कि दशकों से दैवीय आपदाओं से जूझ रहे बुन्देलखण्ड के किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कभी सूखा तो कभी भारी बरसात तो कभी ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद और तबाह होती रही हैं. अब इस साल जब अच्छी पैदावार हुई है, तब फरवरी के महीने में मार्च, अप्रैल के महीने जैसी गर्मी ने एक बार फिर से किसानों के सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details