हमीरपुर:कहते हैं अगर सोच ऊंची हो तो हर नामुमकिन काम मुमकिन हो जाता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है गोहांड ब्लाक के अति पिछड़े गांव बरौली खरका के रहने वाले एक प्रगतिशील किसान ने. इन्होंने भाप से चलने वाला एक ऐसा इंजन बनाया है जो चूल्हे में खाना बनाते वक्त बर्बाद होने वाली ऊर्जा से चलता है. इस इंजन का आविष्कार करने वाले किसान प्रागी लाल विश्वकर्मा इंजन को विस्तारित रूप देते हुए सीधे सौर ऊर्जा से इंजन को चलाना चाहते हैं. उनका मानना है कि सीधे सौर ऊर्जा से चलने वाला इंजन विकसित करने में अगर वे सफल हो गए तो बुंदेलखंड के किसानों की तस्वीर बदल सकती है.
किसान ने बनाया भाप से चलने वाला इंजन
देखने में बिलकुल छोटा और पूरी स्पीड में घूमने वाला इंजन पेट्रोल या डीजल से नहीं बल्कि यह भाप से चलाया जा रहा है. इस इंजन में मामूली पैसा खर्च करके अधेड़ उम्र के प्रगतिशील किसान प्रागी लाल विश्वकर्मा ने इसे बनाया है. इन्होंने कहीं से भी इंजिनियरिंग पढ़कर नहीं की हैं, बल्कि यह इनके दिमाग की उपज है. किसान प्रागी लाल बताते हैं कि इस इंजन को बनाने के पीछे सिंचाई में आने वाले खर्च को कम से कम करने की सोच थी.