हमीरपुर: खनिज नीति में बदलाव की मांग को लेकर महोबा के क्रेशर व्यापारियों की जारी हड़ताल का असर जिले में भी साफ दिखाई दे रहा है. हमीरपुर से होकर गुजरने वाले नेशनल हाइवे 34 पर गिट्टी एवं मौरंग लदे पांच से छह हजार ट्रक गुजरते थे लेकिन अब उन ट्रकों के पहिये थम गए हैं. ट्रकों के पहिये थमने से खनिज परिवहन से जुड़े व्यवसायियों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इसके अलावा ड्राइवर, क्लीनर एवं मिस्त्री भी भुखमरी के कगार पर आ गए हैं.
लाखों मजदूरों पर रोजगार का संकट गहराया
- हमीरपुर महोबा की सीमा पर बसी पत्थर नगरी कबरई जहां लगभग 350 क्रेशर लगे हैं.
- ये क्रेशर गिट्टी तैयार कर देश और प्रदेश में सप्लाई करते हैं.
- खनन नीति के खिलाफ सम्पूर्ण क्रेशर व्यवसायियों ने हड़ताल कर दी है.
- क्रेशर बंद होने से ट्रांसपोर्टरों के पास अब कोई काम नहीं बचा है.
- हड़ताल कर रहे ट्रांसपोर्टरों ने अपने ट्रक जगह-जगह खड़े कर दिये हैं.
- ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से व्यवसाय से जुड़े हजारों लोग भुखमरी की कगार पर आ गये.
- एशिया की सबसे बड़ी पत्थर मंडी में ताला पड़ जाने से ट्रक व्यवसाय से जुड़े लोगों पर रोजी रोटी का संकट गहरा गया.