गोरखपुरः देशभक्ति का ऐसा जज्बा... जो दसवीं कक्षा से ही अरविन्द के मन में सेना में भर्ती होने की ललक पैदा कर रहा था. देश के लिए मर मिटने का ख्वाब लिए अरविंद पढ़ाई के साथ-साथ व्यायाम भी किया करते थे, लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर था...ये सपना पूरा होने से पहले ही टूट गया. गोरखपुर के करमौरा के रहने वाले अरविंद दस साल पहले जब दसवीं कक्षा में थे, तभी व्यायाम करते हुए वह सिर के बल गिर गए थे. एक्सरसाइज के दौरान उल्टा लटक कर योग कर रहे अरविंद की अचानक पांव की पकड़ छूट गई और वह सिर के बल जमीन पर गिर पड़े, जिसके बाद वह 90 प्रतिशत तक दिव्यांग हो गए.
व्यायाम करते समय लगी थी चोट
अरविंद दसवीं कक्षा की पढ़ाई पड़ोसी जनपद महराजगंज के पनियरा ब्लॉक के देबीपुर स्थित निजी विद्यालय में करते थे. पढ़ाई करने के साथ आर्मी ज्वॉइन करने का ख्वाब उनके जहन में बसा था. उनके जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य था कि पढ़ाई करने के बाद आर्मी में नौकरी हासिल करेंगे, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था. एक झटके में उनके सपने चकनाचूर हो गए. दवा, इलाज एवं ऑपरेशन के बावजूद पैरों पर खड़ा होने से महरूम हैं.
पिता करते हैं पेन्ट का काम
अरविंद के पिता रामनयन पेन्ट-पॉलिश का काम करते हैं. उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. उन्होंने बताया कि गर्दन की हड्डी फ्रैक्चर होने पर उसका उपचार कराने बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले गए. वहां के चिकित्सकों ने केजीएमसी लखनऊ रेफर कर दिया. 21 जनवरी को वहां ऑपरेशन कराया गया. शरीर के दूसरे हिस्से से हड्डी निकालकर गर्दन की हड्डी जोड़ने की कोशिश की, लेकिन ऑपरेशन सफल नहीं रहा. इलाज के लिए तबसे बेटे को लेकर दर-दर भटकते रहे, लेकिन हालात जस के तस हैं.