उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

गोरखपुर में बना दुनिया का सबसे ऊंचा 'प्रिलिंग टॉवर', होगा यूरिया और अमोनिया का उत्पादन - worlds highest tower

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में कुतुब मीनार से भी ऊंचा 'प्रिलिंग टावर' को बनाया गया है. इस टॉवर से पर्यावरण भी सुरक्षित होगा और खाद भी उच्च क्वालिटी की बनाई जाएगी.

दुनिया का सबसे ऊंचा 'प्रिलिंग टावर'.

By

Published : Oct 25, 2019, 11:36 PM IST

Updated : Oct 26, 2019, 12:39 AM IST

गोरखपुर: दिवाली के अवसर पर जिले की धरती से एक विश्व रिकार्ड कायम हुआ है. निर्माणाधीन हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड के खाद कारखाने में खाद और अमोनिया बनाने के लिए 'प्रिलिंग टॉवर' बनाया गया है. यह टॉवर दुनिया में सबसे ऊंचा है. इसकी कुल ऊंचाई 149.2 मीटर है.

दुनिया का सबसे ऊंचा 'प्रिलिंग टावर'.

यह टॉवर खाद के साथ अमोनिया के निर्माण में कैसे काम करता है इस पर निर्माणाधीन खाद कारखाने के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ए. के. दीक्षित ने ईटीवी भारत से बाचतीत की. उन्होंने बताया कि इस टॉवर के बन जाने से पर्यावरण भी सुरक्षित होगा और खाद भी उच्च क्वालिटी की बनाई जाएगी.

जिले में जहां यह प्रिलिंग टावर बनकर तैयार हुआ है. वहां पहले भी खाद का करखाना था. हालांकि वह वर्ष 1989 में बंद हो गया था, जिसके बाद पूर्वांचल में खाद की डिमांड के इस बड़े केंद्र को शुरू करने के लिए खूब राजनीति होती रही. यहां पर नए खाद कारखाने की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में 22 जुलाई 2016 को डाला, जिसके निर्माण की प्रक्रिया मध्य अप्रैल में शुरू भी हो हुई.

दुनिया का सबसे ऊंचा 'प्रिलिंग टावर'.

जल्द शुरु होगा खाद उत्पादन
इस कारखाने से फरवरी 2021 में खाद उत्पादन शुरू हो जाएगा. खाद निर्माण के लिए सबसे पहले कारखाने में 'प्रीलिंग टावर' का बनना जरूरी था, जिसका निर्माण दिवाली से पहले पूर्ण कर निर्माण इकाई ने खाद की उम्मीद लगाए बैठे किसानों के साथ पूरी दुनिया में यह संदेश देने का काम किया है कि अब गोरखपुर से खाद का बनना शुरू होकर रहेगा.
इसे भी पढ़ें- मुख्यमंत्री ने की 'कन्या सुमंगला योजना' की शुरुआत, बेटियों को मिलेंगे 15 हजार रुपये

कुतुब मीनार से भी ऊंचा बना है यह टॉवर
जापान की 'टोयो' कंपनी खाद कारखाने के निर्माण का कार्य कर रही है, जिसने भारत की सबसे ऊंची मीनार के रूप में पहचान रखने वाली कुतुब मीनार से भी ऊंची इस प्रीलिंग टॉवर को बनाकर खाद निर्माण के रास्ते को पुख्ता कर दिया है. कारखाने में बाकी मशीनों का लगाया जाना भी बहुत जल्द पूर्ण हो जाएगा, क्योंकि मशीनें जापान से जलमार्ग के माध्यम से लाई जा रही हैं. यह मशीनें पहले कोलकाता में हल्दिया पहुंचेगी, फिर उन्हें जलमार्ग से छपरा-बिहार तक लाया जाएगा. इसके बाद सड़क मार्ग से लाकर उन्हें खाद कारखाना परिसर में स्थापित किया जाएगा. यहां से प्रतिदिन करीब 3600 मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन होगा.

Last Updated : Oct 26, 2019, 12:39 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details