गोरखपुरः जिले का गीता प्रेस परिवार सामाजिक समरसता, आपसी भाईचारे के साथ ही स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान देता है. यही वजह है कि गीता प्रेस प्रकाशन के मुख्यालय पर ही निशुल्क गीता प्रेस औषधि केंद्र संचालित किया जा रहा है. जहां कई जटिल बीमारियों के साथ ही सामान्य बीमारियों का भी इलाज निशुल्क किया जाता है.
हम बात कर रहे हैं विश्व प्रसिद्ध विद्या परिषद प्रकाशन की. जहां प्रतिवर्ष हजारों लाखों पुस्तकें पूरे विश्व में आध्यात्मिक के प्रचार-प्रसार के साथ ही धार्मिक भेदभाव को जागृत करने का कार्य पिछले कई सालों से करता चला आ रहा है. गीता प्रेस परिवार ने अपने गीता प्रेस प्रकाशन मुख्यालय परिसर में ही निशुल्क गीता प्रेस औषधि केंद्र का संचालन पिछले 40 सालों से निरंतर करता चला आ रहा है. यहां पर दूरदराज से आने वाले मरीजों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए उन्हें 5 दिन की निशुल्क औषधियां और चिकित्सकीय परामर्श दिया जाता है.
आध्यात्म के साथ स्वास्थ्य का भी ख्याल निशुल्क गीता प्रेस औषधि केंद्र गोरखपुर, ऋषिकेश, कोलकाता, सूरत और चूरू में संचालित किया जाता है. वहीं गीता प्रेस खुद अपनी प्रयोगशाला में औषधियों का निर्माण करता है. साथ ही अगर जो औषधियां नहीं होती हैं, उन्हें अन्य बड़ी औषधि कंपनियों से खरीद कर अपने मरीजों को निशुल्क उपलब्ध कराता है.
आध्यात्म के साथ स्वास्थ्य का भी ख्याल इस संबंध में बात करते हुए गीता प्रेस के न्यासी देवीदयाल बताते हैं कि गीता प्रेस पूरे विश्व में अपनी धार्मिक पुस्तकों के लिए जाना जाता है. लेकिन धर्म-कर्म के प्रचार-प्रसार के साथ ही हम लोगों की स्वास्थ्य सुविधा का भी विशेष ध्यान पिछले 40 वर्षों से लगातार करते आ रहे हैं. यही वजह है कि हमारे गीता औषधि केंद्र पर प्रतिदिन 50 से 60 की संख्या में लोग आकर अपनी विभिन्न बीमारियों का इलाज निशुल्क कराते हैं. हमारे औषधि केंद्र पर आने वाले हजारों लोगों को इसका सीधा-सीधा लाभ दिया जाता है.
विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस परिवार गीता औषधि केंद्र के वैद्य शिव शंकर लाल गुप्ता बताते हैं कि यहां आने वाले मरीज बड़ी उम्मीद के साथ आते हैं. जहां हजारों, लाखों खर्च करने के बाद भी उनकी बीमारी जस की तस बनी रहती हैं. वहीं हम अपने औषधियों के माध्यम से उनकी जटिल बीमारियों में उन्हें लाभ देने का कार्य करते हैं. यहां पर स्किन प्रॉब्लम, घटिया, कमर दर्द सहित अन्य जटिल बीमारियों का इलाज पूरी तरीके से निशुल्क किया जाता है. निशुल्क औषधि भी आने वाले मरीज को 5 दिन की दी जाती है. वहीं बाहर से आने वाले मरीजों को 15 दिन की निशुल्क औषधि देने की व्यवस्था की गई है. यहां पर गोरखपुर ही नहीं अगल-बगल के जिलों के साथ ही बिहार और नेपाल से भी मरीज आते हैं.
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इलाज कराने आए सुनील वर्मा बताते हैं कि गीता औषधि केंद्र की चर्चा सुनकर वह भी अपनी पत्नी के कमर दर्द का इलाज कराने के लिए गीता औषधि केंद्र आए हुए हैं. जिसकी जानकारी उन्हें अपने पड़ोसी के माध्यम से हुई है. आयुर्वेद सैकड़ों हजारों वर्षों से जटिल बीमारियों का इलाज कर रहा है. ऐसे में आज के परिवेश में बड़ी संख्या में लोग आयुर्वेद की तरफ रुख कर रहे हैं. क्योंकि आयुर्वेद का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता. वही एलोपैथ की दवाई कारगर तो सिद्ध होती हैं, लेकिन शरीर को काफी नुकसान भी पहुंचाती है. इसीलिए उन्होंने अपनी पत्नी के लिए आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को चुना है. जिसका उन्हें लाभ भी मिल रहा है.