गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे में कोयले के रैक को खाली करने वाले मजदूर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोई एहतियात नहीं बरत रहे. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किये बिना ही मजदूरों का समूह काम कर रहा है. इन्होंने न तो मास्क पहने हैं न ग्लव्स पहने हैं. स्टेशन पर स्टेशन मास्टर से लेकर माल बाबू तक मौजूद रहकर अपनी ड्यूटी बजा रहे हैं.
पूर्वोत्तर रेलवे में बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के कोयला उतार रहे हैं मजदूर - कोरोना वायरस
पूर्वोत्तर रेलवे में कोयले के रैक को खाली करने वाले मजदूर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोई एहतियात नहीं बरत रहे. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किये बिना ही मजदूरों का समूह काम कर रहा है. इन्होंने न तो मास्क पहने हैं न ग्लव्स पहने हैं. स्टेशन पर स्टेशन मास्टर से लेकर माल बाबू तक मौजूद रहकर अपनी ड्यूटी बजा रहे हैं.
ईटीवी भारत के कैमरे में जब यह तस्वीर रिकॉर्ड हो रही थी तो स्टेशन पर मौजूद स्टेशन मास्टर ने ऑन कैमरा कुछ भी बोलने से मना किया. उसने कहा कि वह अधिकृत नहीं है जबकि उसके सामने नियमों को ताक पर रखकर कोयले की अनलोडिंग की जा रही थी. वहीं जब माल बाबू से इस संदर्भ में सवाल किया गया तो उसने साफ कहा कि जिस व्यापारी का कोयला है उसको यह निर्देशित किया गया है कि वह मजदूरों को मास्क और ग्लव्स उपलब्ध कराए. अगर मजदूर मास्क नहीं लगा रहे तो यह व्यापारी की कमी है रेलवे की नहीं. वहीं मजदूरों ने भी साफ स्वीकार किया कि उन्हें व्यापारी की तरफ से कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया गया है.
इस मामले से पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह को अवगत कराया गया तो उन्होंने इसे घोर लापरवाही बताते हुए स्टेशन मास्टर को फटकार लगाई. उन्होंने स्टेशन मास्टर को कहा कि जिस भी व्यापारी का कोयला हो उसे निर्देशित करें कि वह कोरोना संक्रमण से बचाव के तरीकों को अपनाएं नहीं तो कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें. फिलहाल ऐसी तमाम जगह हैं जहां लोग लॉक डाउन का उल्लंघन और संक्रमण से बचाव के तरीकों को अपनाने में अभी भी संकोच कर रहे हैं. जिसका जीता जागता उदाहरण कोयले की अनलोडिंग का यह मामला है.