गोरखपुर: मां का महत्व किसी भी इंसान के जीवन में सबसे ऊपर होता है. जन्म देने से लेकर लाड-प्यार, खानपान, पढ़ाई लिखाई और अच्छे स्वास्थ्य के साथ ही सुंदर भविष्य की कल्पना मां अपने बच्चे के लिए करती है. यही वजह है कि जब मां किन्ही परिस्थितियों में अपने बच्चे से दूर होती है तो वह बच्चा व्याकुल और परेशान हो जाता है. ऐसी एक परिस्थिति गोरखपुर में चलती फिरती सड़क पर देखने को मिली है. जब एक नौजवान अपनी मां की ममता को पाने के लिए उसके खो जाने बाद उसे ढूंढने के लिए साइकिल से दर-दर भटक रहा है.
बृजेश शर्मा नाम का यह नौजवान गोंडा जिले के बेलसर गांव का रहने वाला है. उसकी मां सुशीला देवी कुछ मानसिक रूप से बीमार थी. जिसका इलाज कराने के लिए वह 10 फरवरी को गोरखपुर में डॉक्टर बेरी के चिकित्सालय पर पहुंचा था. डॉक्टर को दिखाने के बाद वह अपनी मां को ओपीडी में बैठाकर दवा को ले रहा था कि इसी बीच उसकी मां अस्पताल परिसर से बाहर निकलकर न जाने किस ओर चली गई. जिसको ढूंढने में यह नौजवान कुल 24 घंटे में 20 घंटे का समय दे रहा है. मात्र 4 घंटे सोकर वह शहर के हर चौराहों और गलियों पर वह साइकिल से भटकता हुए लोगों से अपनी मां के बारे में पूछ रहा है. साथ ही साइकिल में अपनी मां की तस्वीर दिखाता हुआ आगे बढ़ता जा रहा है.
बृजेश शर्मा नाम का यह युवक बातचीत में वह फफक कर रो भी रहा है. क्योंकि जिस मां ने उसको पाला पोसा और बड़ा किया, वह उसकी आंखों के सामने से ही ओझल हो गई है. उसकी मां को ढूंढने में गोरखपुर कैंट थाना पुलिस भी मददगार साबित नहीं हो पा रही है. उसके प्रयास पर गुमशुदगी का मुकदमा तो पुलिस ने दर्ज कर लिया है. लेकिन उसकी मां कहां है, इसका कुछ भी पता नहीं चल रहा है. इस घटना को भले ही अभी 8 दिन ही बीते हैं. लेकिन इस 8 दिनों में इस नौजवान के ऊपर क्या बीत रही है, यह तो यही जानता है. हालांकि बातचीत में उसका दर्द जो झलकता है.