गोरखपुर: प्रदेश में फर्जी शिक्षिका का मामला सामने आने के बाद प्रदेश सरकारी ने सभी जिलों में तैनात बेसिक शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कराई. इसमें करीब चार हजार शिक्षकों को चिह्नित किया गया है. इनमें से अब तक लगभग 18 सौ से ज्यादा शिक्षकों पर सस्पेंशन और बर्खास्त की कार्रवाई की गई है. वहीं ऐसे शिक्षकों के जेल भेजने में प्रदेश सरकार नाकाम रही है.
प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा कि इन सभी शिक्षकों की नियुक्ति सपा सरकार में हुई थी. उन्होंने कहा कि फर्जी शिक्षकों की तलाश की जा रही है और ऐसे सभी शिक्षकों पर कार्रवाई की जा रही है. वहीं हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर उन्होंने विपक्ष पर हमला बोला.
सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मानव संपदा पोर्टल के जरिए फर्जी शिक्षक पकड़ में आए हैं. वहीं प्रेरणा एप के लॉन्च करने के बाद अब कोई भी शिक्षक स्कूल जाने से कतरा नहीं सकता है. मंत्री ने कहा कि बेसिक शिक्षा की सारी व्यवस्थाएं ऑनलाइन कर दी गई हैं. मैटरनिटी लीव से लेकर सिक लीव, पीएफ, पेंशन के मामले ऑनलाइन अप्लाई किए जा रहे हैं.
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन एप्लीकेशन से संबंधित किसी भी समस्या का अगर अधिकारी समय से समाधान नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. एसटीएफ के एनकाउंटर में मारे गए हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को लेकर विपक्ष द्वारा की जा रही राजनीति पर उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपराध और अपराधी में भी जातिवाद नजर आता है.
मंत्री ने कहा कि योगी सरकार अपराध और अपराधी दोनों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए जानी जाती है. उन्होंने कहा कि अपराधी की कोई जाति नहीं होती है. जनता विपक्ष के कारनामे को देख रही है. विपक्ष को आने वाले समय में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.